उत्तर प्रदेश में बिजली की डिमांड और सप्लाई का समीकरण ठीक न होने की वजह से गांव और तहसील में बिजली कटौती का समय बढ़ा दिया गया है। आने वाले दिनों में बिजली कटौती की मार जिला मुख्यालय तक पहुंच सकती है।
गर्मी से उत्तर प्रदेश में बिजली संकट बढ़ने लगा है। डिमांड और सप्लाई का समीकरण ठीक न होने की वजह से गांव और तहसील में बिजली कटौती का समय बढ़ा दिया गया है। बिजली विभाग की ओर से प्रदेश के लिए जारी नए रोस्टर के मुताबिक, अब पहले की तुलना में गांव में 30 मिनट और तहसील में 23 मिनट कम बिजली मिलेगी।
गांव में अब तक 18 घंटे और तहसील में साढ़े 21 घंटे बिजली सप्लाई होती है। यानी अब गांव में 17.30 घंटे और तहसीलों में 21.07 घंटे बिजली सप्लाई होगी। दरअसल, पिछले 24 घंटे में बिजली की डिमांड 20 हजार 800 मेगावाट तक पहुंच गई है। जबकि मौजूदा समय में उपलब्धता 20 हजार 636 मेगावाट है। ऐसे में आने वाले दिनों में बिजली कटौती की मार जिला मुख्यालय तक पहुंचने की आशंका है
क्षेत्र | पुराना शेड्यूल | नया शेड्यूल |
ग्रामीण | 18 घंटे | 17.30 घंटे |
तहसील | 21.30 घंटे | 21.07 घंटे |
जिला मुख्यालय | 24 घंटे | 24 घंटे |
मंडल मुख्यालय | 24 घंटे | 24 घंटे |
बुंदेलखंड | 20 घंटे | 20 घंटे |
महानगर | 24 घंटे | 24 घंटे |
एक तरफ उत्तर प्रदेश में बिजली संकट बढ़ गया है। दूसरी तरफ पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने तय कर लिया है कि किसी भी स्थिति में 7 रुपए प्रति यूनिट से महंगी बिजली की खरीद नहीं होगी। घाटा बढ़ने की वजह से यह फैसला लिया गया है। कारपोरेशन का घाटा करीब 97 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
इसमें पिछले दो साल में करीब 12 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। कोयले की किल्लत के दौरान यूपी में 19 से 20 रुपए यूनिट तक बिजली खरीद हुई थी। अब अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले दिनों में सप्लाई का समय और ज्यादा कम किया जा सकता है।
प्रदेश में अप्रैल से लेकर सितंबर तक सबसे ज्यादा बिजली डिमांड रहेगी। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आकलन में यह बात सामने आई है। लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों में अभी से 40 डिग्री के ऊपर तापमान पहुंच गया। लखनऊ जैसे शहरों में सप्लाई बाधित होने लगी है। इसमें रविवार रात को शहर में गोमती नगर विस्तार, आशियाना, जानकीपुरम समेत कई इलाकों में बिजली का आना- जाना लगा रहा।
जानकारों का कहना है कि यूपी में बिजली की डिमांड आने वाले दिनों में 25 हजार मेगावाट तक जाएगी। जुलाई में सबसे ज्यादा बिजली डिमांड रहती है। उमस की वजह से घरों में एसी चलाने का समय बढ़ जाता है। इसकी वजह से डिमांड करीब 15 फीसदी तक बढ़ जाती है।
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