चिकित्सक की हत्या के आठ दिन बाद भी हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं, सपा बोली- बुलडोजर का डीजल व पिस्टल की गोली खत्म
सुल्तानपुर में चिकित्सक हत्याकांड में अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। सपा ने सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है।
सुल्तानपुर में हुआ चिकित्सक हत्याकांड अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। शोकसभा में उमड़ी भीड़ और गुस्से को देखते हुए अब सपा ने इस मामले को हाथ में लेने की तैयारी कर ली है। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री पवन पांडेय की अगुवाई में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने सखौली कला गांव पहुंचा। पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने इसे क्रूरतम हत्या करार देते हुए कहा कि सरकार के बुलडोजर का डीजल और पिस्टल की गोलियां यहां खत्म हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अराजकता का माहौल है। एनकाउंटर किए जा रहे हैं लेकिन जहां जरूरत है वहां गोलियां खत्म हो जाती हैं। ब्राह्मण, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक मारे जा रहे हैं जबकि सत्ता के साथ रहने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। सुल्तानपुर की इस क्रूरतम घटना के बाद जिस तरह से दोषी बचाए जा रह हैं, वह इसकी मिसाल है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सक की पत्नी और भाई सीबीआई जांच चाहते हैं और समाजवादी पार्टी इसका समर्थन करती है। पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंपी जाएगी। अब यह निर्णायक लड़ाई सपा के सिपाही लड़ेंगे।
सपा शिक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बी पांडेय ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में अराजकता व महिला अपराध की बाढ़ है। योगी सरकार राम राज्य की संकल्पना वाली है और हालात रावण राज जैसे हैं। जहां ड्रिल मशीन से छेदकर क्रूरतम हत्या हो रही है। घटना के आठ दिन बाद भी सरकार का पीड़ित को मदद न करना और आरोपी की गिरफ्तारी न करना अपराध व अपराधियों को बढ़ावा देना है।
बदलापुर के पूर्व विधायक बाबा यादव ने इसे क्रूरतम व ऐतिहासिक अपराध की संज्ञा दी। लंभुआ विधायक संतोष पांडेय ने कहा कि अखिलेश यादव के निर्देश पर हम परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद, सुरक्षा तथा नौकरी दिलाने की मांग करते हैं। मांग पूरी न होने तक लडाई चलती रहेगी।
विधायक ताहिर खान, पूर्व विधायक अनूप संडा, अरुण वर्मा, जिलाध्यक्ष रघुबीर यादव व भगेलूराम ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा और सरकार को हिटलर शाही सरकार बताया। इस मौके पर सपा के विस क्षेत्र अध्यक्ष सतपाल यादव व परमात्मा यादव आदि मौजूद रहे।