लखनऊ: एक काल सेंटर से अमेरिका भेजे जा रहे थे मादक पदार्थ, ED ने जब्त की कंपनी की 3.24 करोड़ की संपत्तियां
लखनऊ में एक काल सेंटर के जरिए मादक पदार्थ अमेरिका भेजने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपितों की 3.24 करोड़ की संपत्तियां जब्त की हैं। कंपनी ने लखनऊ बाराबंकी के साथ ही उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में संपत्तियां खरीदी थी। बता दें कि जांच में कंपनियों के 43 बैंक खातों में 23.67 करोड़ रुपये अमेरिका समेत कई देशों से आने की पुष्टि भी हुई थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मादक पदार्थ अमेरिका भेजने के आरोप में लखनऊ में काल सेंटर के रूप में संचालित हत्श टेलीकाम कंपनी की 3.24 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। ईडी ने कंपनी के शांतनु गुप्ता, शशांक गुप्ता, अब्दुल वहाब यासिर, मोहित हलदर, पुनीत दुबे व अन्य के नाम लखनऊ, बाराबंकी और उत्तराखंड स्थित ऊधमसिंह नगर में खरीदी गई संपत्तियों को जब्त किया है।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार मेसर्स हत्श टेलीकाम और अन्य के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, लखनऊ जोनल यूनिट द्वारा दर्ज मामले के आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। जांच में पता चला कि शांतनु गुप्ता, शशांक गुप्ता, अब्दुल वहाब यासिर, मोहित हलधर, पुनीत दुबे और अन्य नौ फर्जी कंपनियों के माध्यम से साफ्टवेयर कंपनी की आड़ में लखनऊ में अवैध काल सेंटर चला रहे थे।
इसके जरिये अमेरिका में नशीले पदार्थों को भेजा करते थे। ये लोग काल सेंटर के जरिये अमेरिका में ग्राहकों से संपर्क करते थे और मादक पदार्थों के आर्डर लेते थे। इन्हें फिर सागर अस्थाना और पुनीत दुबे नाम के दो लोगों को भेजा जाता था। ये दोनों बाद में उन्हें भारतीय डाक के जरिये पार्सल से भेजते थे। ईडी का कहना है कि आरोपितों ने यह संपत्ति वर्ष 2013-17 के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी के जरिये अर्जित की थी।
ईडी का कहना है कि मेसर्स एपिटोम टेलीकम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स हत्श टेलीकाम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स जिओ पार्डी टेलीकाम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स मार्फियस टेलीकाम प्रा. लिमिटेड, मेसर्स स्काई ड्रीम्स टेलीकाम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स स्काई हाई टेलीकम्युनिकेशन, मेसर्स सीजी टेलीकालर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स वाईएस टेलीकाम प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स 99 स्टाइल रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से यह कारोबार किया जा रहा था। जांच में कंपनियों के 43 बैंक खातों में 23.67 करोड़ रुपये अमेरिका समेत कई देशों से आने की पुष्टि भी हुई थी। खाते में यह रकम आते ही उसे तुरंत निकाल लिया जाता था। ईडी इस मामले की आगे जांच कर रही है।