आज़म खान: क्या है डूंगरपुर मामला, जिसमें आजम को हुई सात साल की सजा…?
डूंगरपुर प्रकरण सपा शासनकाल का है। तब पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था। वर्ष 2019 में भाजपा की सरकार आने पर गंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें एक मुकदमा जेल रोड निवासी एहतेशाम की तहरीर पर दर्ज हुआ था।
डूंगरपुर मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को अदालत ने सात साल की कैद और पांच लाख रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाया है। वहीं पूर्व सीओ सिटी आले हसन खान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खान और बरेली के ठेकेदार बरकत अली को पांच साल की सजा हुई है। कोर्ट ने इन तीनों पर दो-दो लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
ये है मामला?
डूंगरपुर प्रकरण सपा शासनकाल का है। तब पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था। वर्ष 2019 में भाजपा की सरकार आने पर गंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें एक मुकदमा जेल रोड निवासी एहतेशाम की तहरीर पर दर्ज हुआ था।
जनता दरबार में फरियाद सुनने के बजाय की अभद्रता
मामले में उनका कहना था कि वर्ष 2011-12 में उनके द्वारा डूंगरपुर में 373 गज जमीन खरीदी थी। इसमें थोड़ी सी जगह में छोटा सा मकान बनाकर वह परिवार के साथ रहने लगे। बाकी जगह में स्कूल खोलने की तैयारी थी। तीन फरवरी 2016 की रात नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अजहर खां, तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खान और बरेली के थाना इज्जतनगर में ग्राम कंजा निवासी बरकत अली ठेकेदार 20-25 पुलिस वालों को लेकर उनके घर में घुस आए। मारपीट कर मकान से बाहर निकाल दिया। घर में रखे 25 हजार रुपये और इंटेक्स कंपनी का मोबाइल लूट लिया। उन्होंने इसकी शिकायत तत्कालीन मंत्री आजम खां के जनता दरबार में की तो आजम खां ने उनकी बात सुनने के बजाय अभद्रता की।
जनता दरबार में फरिदायी से मारपीट
जनता दरबार में मौजूद ओमेंद्र सिंह चौहान, जिबरान, फरमान आदि ने उनके साथ मारपीट कर भगा दिया था। इसके बाद पुलिस ने जांच कर सभी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इस मामले अंतिम बहस हो चुकी है। पत्रावली फैसले के लिए सुरक्षित रख ली थी।
डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में आजम खान को मिल चुकी है राहत
सपा नेता आजम खां के विरुद्ध डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में फैसला हो चुका है। यह मामला रूबी पत्नी करामत अली की ओर से दर्ज कराया गया था। न्यायालय ने सुनवाई पूरी होने के बाद 31 जनवरी 2024 को इसमें फैसला सुनाते हुए आजम खां समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया था।
अब तक पांच मामलों में हो चुकी है सजा
आजम खां के खिलाफ वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें ज्यादातर न्यायालय में विचाराधीन हैं। आजम खान को अब तक पांच मामलों में सजा हो चुकी है। बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में भी उन्हें पांच माह पहले सात साल की सजा हुई थी। उस मामले में वह सीतापुर की जेल में बंद हैं। उनकी पत्नी पूर्व सांसद तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को भी सात साल की सजा पहले ही हो चुकी है।