गुरुग्राम जाने पर जाम से मिलेगी राहत, 8 लेन वाला पहला एलिवेटेड एक्सप्रेसवे तैयार, बाकियों से कितना अलग?
गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेसवे 29 किलोमीटर लंबा है. प्रधानमंत्री मोदी ने आज इसके उद्घाटन से पहले खुद इसका निरीक्षण किया। जानिए कैसा है गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेसवे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मार्च को हरियाणा के गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। ये भारत का पहला एलिवेटेड हाईवे है। उम्मीद है कि इस हाईवे के बनने के बाद दिल्ली से गुरुग्राम के बीच होने वाले ट्रैफिक की मार कम होगी। आइये जानते हैं इस एलिवेटेड हाईवे के बारे में।
द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्घाटन कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। द्वारका एक्सप्रेसवे 29 किलोमीटर लंबा है। 29 में से 18.9 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में है। और बाकी का 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है।
ये नेशनल हाईवे-8 पर स्थित शिव मूर्ति से शुरू होता है. खेड़की धौला टोल प्लाजा पर खत्म होता है। ये एक्सप्रेसवे द्वारका के सेक्टर 88, 83, 84, 99, 113 को गुरुग्राम के सेक्टर 21 और गुरुग्राम की ग्लोबल सिटी से जोड़ता है। साथ ही ये हाईवे सुरंग के जरिए इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भी जुड़ेगा। दिल्ली के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर तक भी लोगों को इससे पहुंचने में आसानी होगी।
द्वारका एक्सप्रेसवे में रुपया कितना लगा?
गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेसवे एक एलिवेटेड आठ लेन वाला एक्सप्रेसवे है। ये भारत में अपनी तरह का पहला एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेसवे में सुरंग, अंडरपास, फ्लाईओवर और एलिवेटेड स्ट्रक्चर है। इसमें देश की सबसे लंबी (3.6 किलोमीटर) और चौड़ी(आठ लेन वाली) सुरंग भी है।
इस एलिवेटेड हाईवे पर 34 लेन वाला टोल प्लाजा
ये आठ लेन वाला एलिवेटेड हाईवे सिंगल पिलर पर बना है। ये अपनी तरह का भारत में इकलौता हाईवे है। इसमें ऑटोमेटेड टोल जमा करने वाला सिस्टम भी रहेगा। इसमें 34 लेन वाला टोल प्लाजा बनाया गया है।
इस पूरे हाईवे को बनाने में लगभग नौ हजार करोड़ रुपए का खर्च आया है। इसका निर्माण चार चरणों में हुआ। दो चरण दिल्ली और दो हरियाणा में। दिल्ली में बनाए गए पहले चरण में 2,507 करोड़ रुपए का खर्च आया, दूसरे चरण में 2,068 करोड़ रुपए, तीसरे चरण में 2,228 करोड़ रुपए और चौथे चरण में 1,859 करोड़ रुपए का खर्च आया।