मतुआ वोटर्स, हिंदु-मुस्लिम, अवैध घुसपैठ, सिटिजनशिप और एंटी इनकम्बेंसी...ये वो फैक्टर्स हैं, जिनके चलते BJP नदिया जिले में बहुत मजबूत नजर आ रही है। यहां की आठ सीटों शांतिपुर, राणाघाट उत्तर-पश्चिम, कृष्णगंज, राणाघाट उत्तर-पूर्व, रानाघाट दक्षिण, चकदाह, कल्याणी और हरिंगाटा में 17 अप्रैल को वोटिंग होनी है।
इनमें से अधिकांश सीटों पर हिंदू पॉपुलेशन ही प्रभावी है। जिले में BJP के उभरने की शुरुआत पिछले लोकसभा चुनाव के वक्त ही हो गई थी। तब BJP ने यहां की कुल 17 विधानसभा सीटों में से 11 पर लीड ली थी और जिले में आने वाली राणाघाट लोकसभा सीट को करीब ढाई लाख वोटों के मार्जिन से जीत लिया था। BJP की स्ट्रॉन्ग प्रेजेंस अब भी देखने को मिल रही है।
यह वो जिला है, जहां मतुआ समुदाय के वोटर बड़ी संख्या में रहते हैं और मुस्लिम वोटर काफी कम हैं। मतुआ समाज BJP के साथ खड़ा दिख रहा है, क्योंकि उन्हें BJP ने स्थायी नागरिकता देने का वादा किया है। हालांकि TMC लोगों को बता रही है कि नागरिकता देने के पहले आपको बताना होगा कि आप भारत के वोटर नहीं हैं और बस यहीं से बखेड़ा शुरू हो जाएगा।
यदि आप ये सब झंझट चाहते हैं तो BJP को वोट दो। इस परेशानी में नहीं पड़ना चाहते तो TMC को जिताओ। BJP ने अवैध घुसपैठियों को बाहर करने का वादा भी किया है। चूंकि नदिया बांग्लादेश बॉर्डर से लगता है तो यहां अवैध घुसपैठ तो पहले से हो रही है। हालांकि अब ये कम है, लेकिन कुछ साल पहले तक तो बड़े स्तर पर घुसपैठ हुई है और जो लोग अवैध तौर पर घुसे हैं, वे अपने कागजात भी बनवा चुके हैं। BJP ऐसे घुसपैठियों को बाहर करने की बात कर रही है जिससे स्थानीय तबका खुश दिख रहा है।
नदिया में घूमने पर पता चलता है कि यहां पोलराइजेशन हुआ है। कल्याणी में रहने वाले दीपक मंडल कहते हैं, सौ परसेंट परिवर्तन होगा। अभी एक तबके की गुंडागर्दी है। BJP जीतेगी तो वो बंद होगी। रंजन दास के मुताबिक, TMC ने काम तो किया है, लेकिन परिवर्तन होना चाहिए क्योंकि एक ही सरकार रहती है तो उसका करप्शन बढ़ जाता है। बंगाल में दीदी के भाई का राज चल रहा है, ये तो सही है। इसलिए BJP की तरफ हवा है। दीपक मुखर्जी कहते हैं, परिवर्तन नहीं होगा, जो मिलेगा सब TMC को ही मिलेगा, क्योंकि सरकार ने बहुत काम किया है, लेकिन कुछ लोग BJP को वोट जरूर देंगे।
हमें पंचायत वोट नहीं डालने दिए, अब परिवर्तन चाहते हैं
17 अप्रैल को जिन आठ सीटों पर वोटिंग होनी है, उनमें अधिकांश पर BJP मजबूत दिख रही है। BJP ने शांतिपुर सीट से अपने सांसद जगन्नाथ सरकार को ही कैंडिडेट बनाया है। जगन्नाथ खुद भी मतुआ समुदाय से आते हैं और उन्होंने लोकसभा चुनाव में बंगाल में सबसे बड़े मार्जिन से जीत भी हासिल की थी। 2016 में यह सीट कांग्रेस ने जीती थी, लेकिन उसके पहले अजय डे यहां से लगातार 20 साल से ज्यादा विधायक रहे।
TMC ने इस बार डे को ही उम्मीदवार बनाया है, लेकिन उनके खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी देखने को मिल रही है। राणाघाट दक्षिण में मुकुल मनी अधिकारी BJP कैंडिडेट हैं। TMC ने यहां से बरनाली डे को उतारा है। पोलराइजेशन के चलते यहां हिंदू वोट अधिकारी के लिए एकजुट नजर आ रहे हैं। बरनाली डे को लेकर एंटी इनकम्बेंसी भी है। स्थानीय लोकनाथ सरकार कहते हैं, हमें पंचायत वोट डालने नहीं दिए गए। अब हम परिवर्तन चाहते हैं।
कल्याणी और हरिंगाटा सीट पर TMC मजबूत दिख रही है क्योंकि यहां TMC कैंडिडेट्स के प्रति नाराजगी कम है और कल्याणी में तमाम काम हुए हैं। एम्स का निर्माण भी हो चुका है, जिससे स्थानीय लोग खुश दिख रहे हैं। वहीं रानीघाट उत्तर-पूर्व और कृष्णनगंज सीट पर BJPआगे दिख रही है।
नदिया के सीनियर जर्नलिस्ट फिरोज इस्लाम कहते हैं- 8 में से कम से कम 5 सीटें BJP जीत सकती है, क्योंकि TMC के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी भी है और मतुआ समुदाय BJP के साथ खड़ा नजर आ रहा है। पोलराइजेशन भी हुआ है, जिसका फायदा BJP को मिलता दिख रहा है। माइनॉरिटी वोट TMC की तरफ जाएंगे, लेकिन यहां वो काफी कम हैं, इसलिए जीत-हार पर कोई खास असर नहीं डालेंगे। हरिंगाटा में अब्बास सिद्दीकी का भी थोड़ा असर है। वे TMC के वोट काट सकते हैं, जिससे BJP को फायदा मिल सकता है।
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