उत्तर-प्रदेश: इंजीनियरिंग और बीडीएस के छात्र फंदे पर लटके, कानों में ईयरफोन लगा मिला
बलरामपुर निवासी अभिजीत लखनऊ में किराये के मकान में रहते थे। वह महर्षि विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा कर रहे थे। दोस्तों ने बताया कि तीन दिन पहले उनका एक महिला मित्र से ब्रेकअप हो गया था। तब से वह थोड़ा परेशान थे।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिला में पीपल चौराहा निवासी अभिजीत पांडेय (21) मड़ियांव के महर्षिनगर में किराये के मकान में रहते थे। वह महर्षि विश्वविद्यालय में इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा कर रहे थे। डिप्लोमा का उनका पहला साल था। अभिजीत ताइक्वाइंडो में ब्लैक बेल्ट भी थे।
पुलिस के मुताबिक अभिजीत के साथ आकाश, अभिजीत वर्मा, आर्यांश गुप्ता व एक अन्य दोस्त भी रहते थे। आर्यांश व अभिजीत पांडेय को छोड़कर बाकी लोग सोमवार सुबह नॉर्थ ईस्ट घूमने के लिए निकले थे। सुबह करीब 11 बजे आर्यांश भी विश्वविद्यालय चले गए। घर में सिर्फ अभिजीत ही थे। घूमने गए आकाश के मुताबिक सुबह करीब 11 बजे फोन पर अभिजीत से बात हुई थी। इसके बाद वह सभी अभिजीत के साथ ऑनलाइन गेम खेलने लगे। कुछ देर बाद अभिजीत ऑफलाइन हो गए। इधर तकरीबन 12 बजे आर्यांश वापस घर पहुंचे। उनके साथ दो-तीन और दोस्त थे। खटखटाने पर दरवाजा नहीं खुला और न ही अभिजीत के मोबाइल की कॉल रिसीव हुई। अनहोनी की आशंका होने पर सभी ने मिलकर जब दरवाजा तोड़ा तो कमरे में अभिजीत फंदे पर लटके मिले। तब पुलिस व परिजनों को सूचना दी गई। अभिजीत के पिता नागेंद्र पांडेय व अन्य परिजन मौके पर पहुंचे। उनका कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद ही वह मामले में कार्रवाई के लिए तहरीर देंगे। अभिजीत उनका इकलौता बेटा था। उनकी दो बड़ी बहनें हैं।
पूछताछ में दोस्तों ने पुलिस को बताया कि बलरामपुर निवासी किसी महिला मित्र से अभिजीत बातचीत करते थे। तीन दिन पहले उनका उससे ब्रेकअप हो गया था। तब से वह थोड़ा परेशान थे। ऐसे में आशंका है कि कहीं खुदकुशी की वजह यही तो नहीं है। एसीपी अलीगंज बृज नारायण सिंह का कहना है कि कुछ बातें सामने आई हैं लेकिन अभी कोई सुबूत नहीं मिला है। अगर परिजन तहरीर देंगे तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। छात्र का मोबाइल कब्जे में लिया गया है।
इंदिरानगर के द्वारिका विहार निवासी अंजना स्वास्थ्य विभाग में क्लर्क हैं। 2006 में उनके पति कामता प्रसाद कुरील का निधन हो गया था। अंजना 24 वर्षीय बेटे दिव्यांश के साथ रहती थीं। दिव्यांश बीबीडी से बीडीएस की पढ़ाई कर रहे थे। परिजनों के मुताबिक दिव्यांश पढ़ाई में अच्छे थे मगर बीडीएस में ज्यादा मन नहीं लग रहा था। काफी समय से वह गुमसुम रहने लगे थे। रविवार रात दिव्यांश सोने के लिए अपने कमरे में चले गए। मां से बोला था कि सुबह जगा देना। इसलिए सोमवर सुबह अंजना जगाने के लिए पहुंचीं तो कमरे में दिव्यांश फंदे पर लटके मिले।
डीसीपी एसएम कासिम आब्दी ने बताया कि सुसाइड नोट नहीं मिला है। इसलिए आत्महत्या की वजह पता नहीं चल सकी। दिव्यांश ऑनलाइन गेम खेलते थे। उनके कानों में ईयरफोन लगा मिला। दोस्तों को नोटिफिकेशन जाने से अंदेशा है कि वह रात में गेम खेल रहे थे। ऐसे में सवाल है कि कहीं ऑनलाइन गेमिंग के फेर में तो दिव्यांश ने आत्महत्या नहीं कर ली। उनके मोबाइल की जांच की जा रही है।
अलीगंज के त्रिवेणीनगर तृतीय निवासी अंकित सिंह (26) कोरियर कंपनी में नौकरी करते थे। उनके पिता स्वामीनाथ ने बताया तीन माह पहले अंकित की नौकरी छूट गई थी। तब से वह घर में ही रहते थे। काफी परेशान भी थे। इस बीच स्वामीनाथ अपनी पत्नी द्रौपदी को लेकर बलिया चले गए थे। 19 जनवरी को अंकित ने फांसी लगा ली थी। किरायेदार ने अंकित को ट्राॅमा सेंटर में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान सोमवार सुबह अंकित की मौत हो गई।