आजमगढ़: साथियों संग जेल से फरार एक लाख का इनामी पुलिस मुठभेड़ में जख्मी, सात साल पहले जेल से भागे थे तीन अपराधी
संगीन वारदातों को अंजाम देने वाला जितेंद्र मुसहर विगत 18 अगस्त 2016 को इटौरा स्थित जिला कारागार कारागार से अपने दो अन्य साथियों के साथ फरार हो गया था। एसटीएफ में तैनात उपनिरीक्षक जावेद आलम सिद्दीकी के नेतृत्व में गठित टीम को शुक्रवार की रात सूचना मिली कि ईनाम घोषित जितेंद्र मुसहर अपने साथी चंद्रशेखर मुसहर के साथ जिले में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है।
वर्ष 2016 में रक्षाबंधन पर्व के दिन आजमगढ़ जेल की दीवार फांदकर अपने दो साथियों के साथ फरार हुआ एक लाख का ईनाम घोषित अपराधी जितेंद्र मुसहर शुक्रवार की देर रात स्पेशल टास्क फोर्स की लखनऊ यूनिट एवं सिधारी थाना पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल हो गया। उसके कब्जे से अवैध असलहा व कारतूस बरामद किया गया। घायल बदमाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हत्या, डकैती लूट सहित कई संगीन वारदातों को अंजाम देने वाला जितेंद्र मुसहर विगत 18 अगस्त 2016 को इटौरा स्थित जिला कारागार कारागार से अपने दो अन्य साथियों के साथ फरार हो गया था। एसटीएफ में तैनात उपनिरीक्षक जावेद आलम सिद्दीकी के नेतृत्व में गठित टीम को शुक्रवार की रात सूचना मिली कि ईनाम घोषित जितेंद्र मुसहर अपने साथी चंद्रशेखर मुसहर के साथ जिले में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है।
इस सूचना पर एसटीएफ टीम थाना सिधारी पुलिस को साथ लेकर भदुली बाईपास के पास बदमाशों का इंतजार करने लगी। देर रात करीब दो बजे उस रास्ते से दो व्यक्ति पैदल आते दिखायी दिये, जिन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह फायरिंग करने लगे।
जवाबी फायरिंग में जितेन्द्र मुसहर निवासी ग्राम अगस्ता थाना क्षेत्र नंदगंज जिला गाजीपुर के दाहिने पैर में गोली लगी। मुठभेड़ स्थल से चंद्रशेखर फरार होने में कामयाब रहा। आजमगढ़ जेल से चंद्रशेखर मुसहर एवं प्रकाश मुसहर दोनों निवासी जिला गाजीपुर एक साथ जेल की दीवार फांद कर जितेंद्र के साथ फरार हुए थे। तीनों की गिरफ्तारी के लिए सभी पर पुरस्कार घोषित किया गया है।
पुजारी सहित तीन की हत्या के तीनों हैं आरोपित
तीनों अपराधी तरवां थाना अंतर्गत स्थानीय ग्राम पंचायत में स्थित मंदिर परिसर में घुसकर पुजारी समेत तीन लोगों की सिर कूंचकर हत्या करने के बाद मंदिर में लूट की घटना को अंजाम दिए थे।
इस मामले में तीनों की गिरफ्तारी हुई थी। जेल में निरुद्ध रहने के दौरान तीनों को जेल के भोजनालय में लगाया गया था। 18 अगस्त 2016 को तीनों भोजनालय में मौजूद चादर व गमछे की मदद से जेल की चहारदीवारी फांद कर भाग निकले थे। इस गिरोह के खिलाफ हत्या व डकैती के कई संगीन मामले दर्ज हैं।