Cash For Query: क्या आज TMC नेता महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता हो जायेगी ख़त्म... आचार समिति की रिपोर्ट लोकसभा में पेश
महुआ मोइत्रा का क्या होगा? उनकी सांसदी बचेगी या जाएगी? इस सवाल का जवाब जल्द ही मिल जाएगा। लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट सदन के पटल पर रख दिया गया है। कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को लोकसभा से हटाने की सिफारिश की गई है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द हो सकती है। एथिक्स कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की गई है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुरुवार को ही अपने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया था कि सभी पार्टी सांसद शुक्रवार को सदन में मौजूद रहें। यह तब की तैयारी है जब महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के प्रस्ताव पर वोटिंग की नौबत आएगी। वैसे कहा जा रहा है कि टीएमसी ने प्रस्ताव पर वोटिंग करवाने का फैसला नहीं किया है। बहरहाल, महुआ की सांसदी चली जाती है तो उनके पास सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प रहेगा।
लोकसभा में अब क्या होगा?
नियमों के अनुसार, आचरण समिति की रिपोर्ट को लोकसभा में तीन लोग ही पेश कर सकते हैं। सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के उप-नेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी। कहा जा रहा है कि न सदन के नेता और न ही उप-नेता यह रिपोर्ट पेश करेंगे। ऐसे में नियमानुसार प्रह्लाद जोशी ही बच जाते हैं जो लोकसभा में एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पेश कर सकते हैं।
आचार समिति की रिपोर्ट पर आगे की प्रक्रिया जान लीजिए
आगे नियम कहता है कि एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट में जो भी सिफारिश की गई हो, उस पर सदन की राय ली जानी होती है। अगर रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को लोकसभा से हटाने की सिफारिश है तो सरकार की तरफ से इसका एक प्रस्ताव लोकसभा में रखा जाएगा। सरकार लोकसभा सदस्यों से इसे पास कराने की अपील करेगी, लेकिन विपक्ष की ओर से इस पर वोटिंग करवाने की मांग हुई तो लोकसभा अध्यक्ष वोटिंग करवाने का फैसला लेंगे। वोटिंग में प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में जितने वोट आएंगे उसके आधार पर तय होगा कि महुआ की संसद सदस्यता बचेगी या चली जाएगी।
वैसे लोकसभा के आंकड़े बिल्कुल स्पष्ट हैं। वहां बीजेपी अकेले दम पर बहुमत में है और उसके नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के घटक दलों को शामिल करने पर तो आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा। ऐसे में महुआ मोइत्रा के बचने के चांस तो नहीं ही हैं। बीजेपी ने वोटिंग की संभावनाओं के मद्देनजर ही अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है।
महुआ ने कहा- जब नाश मनुज पर छाता है...
हालांकि, कहा जा रहा है कि महुआ मोइत्रा की पार्टी टीएमसी वोटिंग करवाने की जगह महात्मा गांधी की मूर्ति के पास प्रदर्शन का रास्ता चुनेगी। टीएमसी ने एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट लीक होने का आरोप भी लगाया है। उधर, संसद पहुंची महुआ मोइत्रा से जब संवाददाताओं ने सवाल किया तो उन्होंने खुद को 'मां दुर्गा' बताते हुए सत्ताधारी बीजेपी के लिए कहा- जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। महुआ ने कहा, 'देखते हैं क्या होता है।'
पैसे लेकर सवाल पूछने के गंभीर आरोप में फंसीं महुआ
ध्यान रहे कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लोकसभा की वेबसाइट का लॉग-इन और पासवर्ड विदेश में बैठे एक भारतीय उद्योगपति से साझा करने का आरोप है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खुलासे पर बुरी तरह घिरीं महुआ ने इसे मीडिया के सामने स्वीकार भी किया। हालांकि, उनकी दलील है कि लॉग-इन डीटेल तो हर सांसद किसी ना किसी से साझा करते ही हैं। हालांकि, महुआ पर उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अजेंडा चलाने के लिए प्रतिस्पर्धी उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से सांठगांठ करने का आरोप है। हीरानंदानी ने भी कहा कि उन्होंने अडानी के खिलाफ संसद में सवाल उठाने के लिए महुआ मोइत्रा को पैसे और महंगे गिफ्ट्स दिए हैं।
सांसदी गई तो महुआ के पास क्या रास्ता?
नियम के अनुसार, लोकसभा की आचार समिति ने इसकी जांच की। समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद विनोद सोनकर हैं। महुआ ने समिति में बतौर सदस्य शामिल बीजेपी सांसदों पर अमर्यादित सवाल करने के आरोप लगाए थे और सवाल-जवाब के दौरान बीच से ही निकल गई थीं। समिति में शामिल विपक्ष के सांसदों ने भी महुआ का साथ देते हुए जांच का बहिष्कार किया था। हालांकि, समिति ने अब अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसे लोकसभा के पटल पर रखे जाने के बाद भारी हंगामा बरप गया है। अगर महुआ मोइत्रा की सदस्यता खत्म करने का प्रस्ताव लोकसभा से पास हो जाता है तो वो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकेंगी।