आज़म खान के खिलाफ डूंगरपुर केस के एक अन्य मामले में अंतिम बहस शुरू, अब पांच मार्च को होगी सुनवाई
डूंगरपुर प्रकरण सपा शासनकाल का है। तब पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था। इन लोगों द्वारा ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध डूंगरपुर प्रकरण के एक अन्य मामले में भी अंतिम बहस शुरू हो गई है। शुक्रवार को अभियोजन पक्ष ने बहस की। अब पांच मार्च को बचाव पक्ष के अधिवक्ता अंतिम बहस करेंगे।
डूंगरपुर प्रकरण सपा शासनकाल का है। तब पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था। इन लोगों द्वारा ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे।
12 लोगों की ओर से दर्ज अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था। इन मुकदमों में पहले आजम खां नामजद नहीं थे, लेकिन अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी और उनके बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपित बनाया था। बाद में उनके खिलाफ भी आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है।
इनमें एक मामला शफीक बानो की तहरीर पर दर्ज हुआ था, जिसमें आजम खां समेत पूर्व जिलाध्यक्ष ओमेंद्र चौहान, नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अजहर खां, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, रानू खां, फकीर मोहम्मद उर्फ बरकत अली, फिरोज खां, जिबरान आदि नामजद हैं। इस मामले में अभियोजन की गवाही पूरी हो चुकी है। मामला अंतिम बहस पर आ गया है। शुक्रवार को अंतिम बहस शुरू हुई। पहले अभियोजन पक्ष ने बहस की, जो पूरी हो गई है। अब पांच मार्च को सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में 31 जनवरी को न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपितों को बरी कर दिया था। अब इस प्रकरण के तीन अन्य मामले अंतिम बहस पर पहुंच चुके हैं। इनमें भी जल्द फैसला आएगा।