बाराबंकी: 50 साल बाद शहर में दिखा जलप्रलय, सिहर उठे लोग
लगातार हुई बारिश के बाद शहर में आया जलप्रलय देख हर कोई सिहर उठा। बड़े-बुजुर्गाें को वर्ष 1974-75 में आई बाढ़ का दृश्य सामने आ गया। बताया जाता है कि उस समय आई बाढ़ के बाद शहर में भी नाव चलानी पड़ी थीं। आज की पीढ़ी को इसका कतई इल्म नहीं था। ठीक उसी तरह सोमवार को भी लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ा।
लगातार हुई बारिश के बाद शहर में आया जलप्रलय देख हर कोई सिहर उठा। बड़े-बुजुर्गाें को वर्ष 1974-75 में आई बाढ़ का दृश्य सामने आ गया। बताया जाता है कि उस समय आई बाढ़ के बाद शहर में भी नाव चलानी पड़ी थीं। आज की पीढ़ी को इसका कतई इल्म नहीं था। ठीक उसी तरह सोमवार को भी लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ा।
शहर में हुई तबाही अपने साथ कई सवाल भी खड़े कर गई है। सबसे बड़ा प्रश्न जमुरिया नाले को लेकर उठ रहा है। नाले का लगातार संकरा होना और इसके किनारे पर हुए अवैध निर्माण ने हालात बिगाड़ने में पूरा योगदान दिया। यही वजह है कि एक साथ अधिक पानी आया तो लोगों की घर-गृहस्थी तबाह हो गई। जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन की ओर से इन अवैध कब्जों को हटवाने के लिए नोटिस तो कई बार जारी की गई, लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ कागजों पर ही सीमित रही।
मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को भी भारी बारिश की चेतावनी दी जा रही है, ऐसे में यहां के हालात सामान्य होने में अभी काफी समय लगने का अनुमान है। डीएम अविनाश कुमार ने एसडीएम नवाबगंज विजय कुमार त्रिवेदी, ईओ संजय कुमार शुक्ला को नाले से निर्बाध जलनिकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
देर रात तक शहर के पटेल तिराहे, यंग स्ट्रीम कॉलेज व ढकौली समेत चार स्थानों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। अब तक करीब 1000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जहां-जहां से सूचना आ रही है, वहां टीमें भेजी जा रही हैं।
- अरुण कुमार सिंह, एडीएम