पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की संपत्ति की कुर्की के लिए टीम गठित, 20 दिसंबर को कोर्ट में सौंपनी होगी कार्रवाई की रिपोर्ट
22 साल पुराने अपहरण कांड में आरोपित पूर्व मंत्री को एमपी - एमएलए कोर्ट में हाजिर होना है। पूर्व मंत्री के कोर्ट में पेश न होने के चलते उनकी संपत्ति कुर्क करने का निर्णय लिया गया है। संपत्ति का पता लगाकर उसे कुर्क करने की कार्रवाई का पुलिस को 20 दिसंबर को न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
अपहरण के 22 साल पुराने मामले में आरोपित पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर न होने पर उनकी संपत्तियों की कुर्की के लिए पुलिस अधीक्षक गोपाल कृष्ण चौधरी ने विशेष टीम गठित की है। यह टीम पहले उनके संपत्ति का पता लगाएगी, फिर कुर्की की कार्रवाई करेगी। 20 दिसंबर को पुलिस को कार्रवाई की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करनी है।
यह है पूरा मामला
विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट प्रमोद कुमार गिरि ने पुलिस अधीक्षक बस्ती को नए सिरे से विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया था। जिसपर पुलिस अधीक्षक ने सीओ सिटी विनय चौहान के नेतृत्व में एसओजी प्रभारी उमा शंकर त्रिपाठी, निरीक्षक कृपा शंकर मौर्य व महिला थानाध्यक्ष निधि यादव की संयुक्त टीम गठित की है। जिसमें आवश्यकता के अनुरूप आरक्षी शामिल किए जाएंगे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि टीम को प्रभारी कोतवाल विनय कुमार पाठक सहयोग करते रहेंगे। पूर्व में गठित टीम की कार्यशैली पर न्यायाधीश ने असंतोष व्यक्त किया था। छह दिसंबर 2001 को धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था।
पुलिस ने राहुल को तत्कालीन मंत्री अमरमणि के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया था। अपहरण कांड के नौ आरोपितों में से अमरमणि, नैनीष शर्मा, शिवम व राम यज्ञ आज तक न्यायालय में हाजिर नहीं हुए। अपहरण कांड की पत्रावली 11 फरवरी 2003 से हाजिरी में चल रही है।