बाराबंकी: एक साथ जलीं चार चिताएं, चीत्कार देख कांप उठा कलेजा
बुधवार को हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले सास-बहू समेत चार लोगों के शव बृहस्पतिवार की शाम गांव पहुंचे तो सबका मन द्रवित हो उठा।
लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर बुधवार को हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले सास-बहू समेत चार लोगों के शव बृहस्पतिवार की शाम गांव पहुंचे तो ऐसा हृदयविदारक दृश्य सामने था कि देखने वालों के कलेजे कांप उठे। रोते-बिलखते परिजनों को राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने ढांढस बंधाया। गांव के बाहर एक साथ चार चिताएं जलीं तो लोगाें के मुंह से बरबस निकल गया कि भगवान यह दिन किसी को न दिखाए।
असंद्रा थाना क्षेत्र के पंडितपुरवा मजरे टांडा गांव के एक परिवार के नौ लोग सफदरगंज क्षेत्र में रिश्तेदारी में हुए अंतिम संस्कार से वापस घर जा रहे थे। इसी दौरान हाईवे पर बस ने ई-रिक्शा में टक्कर मार दी थी, जिसमें घायल वृद्धा सुकाला, पिंका, विजय बहादुर व सिंतारा की मौत हो गई थी। सितारा का पोस्टमार्टम बाराबंकी, जबकि बाकी तीन का केजीएमयू लखनऊ में हुआ था। बृहस्पतिवार शाम करीब पांच बजे वाहनों से चार शव गांव पहुंचे तो परिजन शवों से लिपटकर रोने बिलखने लगे।
करीब 50 घर वाले पंडित पुरवा गांव में केवल चीत्कार सुनाई पड़ रही थी। यहां बृहस्पतिवार को अधिकतर घरों में चूल्हे नहीं जले। मां सुकाला, पत्नी पिंका, दादा के पुत्र व दूसरे दादा के पुत्र की पत्नी को गंवाने वाले दयाशंकर के तो आंसू ही सूख चुके थे। वह शून्य में निहार रहा था। इस मौके पर राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने परिजनों को ढांढस बंधाया और आर्थिक सहायता दिलवाने का आश्वासन दिया। अंतिम संस्कार के समय अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह के पुत्र विकास सिंह, एसडीएम रामआसरे वर्मा, तहसीलदार राहुल सिंह, जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र सिंह रिंकू, असंद्रा थानाध्यक्ष अमर कुमार चौरसिया मौजूद रहे।