गोरखपुर: गीताप्रेस में एक पन्ने पर संपूर्ण गीता देख अभिभूत हुए PM मोदी, देवी-देवताओं के चित्रों का दर्शन कर हुए आनंदित
गीताप्रेस के शताब्दी वर्ष समापन समारोह कार्यक्रम में शामिल होने आए पीएम मोदी ने लीला चित्र मंदिर में पहुंचे और भगवान राम के चित्र पर पुष्पांजलि करने के बाद उन्होंने वहां प्रदर्शित सभी चित्रों का दर्शन किया। फूल-पत्तियों के रस से हाथ से बनाए चित्रों को देख वह आनंदित हो गए।
गीताप्रेस पहली बार किसी प्रधानमंत्री के आने से आनंदित तो था ही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी गीताप्रेस आकर उत्साहित दिखे। गीताप्रेस की दीवारों पर लिखी संत वाणी व गीता के श्लोकों से फूट रही धर्म व सदाचार की आभा ने उन्हें मोहित कर लिया। लीला चित्र मंदिर में फूल-पत्तियों के रस से हाथ से बनाए गए चित्रों को देख अभिभूत हुए। ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कहा भी कि गोरखपुर के गीताप्रेस का अनुभव अभिभूत कर देने वाला है। अपने शताब्दी वर्ष को पूरा कर चुका यह प्रकाशन न सिर्फ भारतवर्ष की सनानत संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि देश के गौरवपूर्ण क्षणों का भी साक्षी रहा है।
गीताप्रेस के ट्रस्टियों ने किया पीएम मोदी का भव्य स्वागत
पीएम मोदी दिन में 03.06 बजे गीताप्रेस पहुंचे। सबसे पहले ट्रस्टियों ने उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद ट्रस्टियों के साथ लीला चित्र मंदिर की तरफ उनके कदम बढ़े। बीच में पड़ने वाले हाल में बैठे गीताप्रेस के कर्मियों ने उनका अभिवादन किया तो हाथ जोड़कर उन्होंने अभिवादन स्वीकार किया और इसी मुद्रा में वह लीला चित्र मंदिर में प्रवेश किए। भगवान राम के चित्र पर पुष्पांजलि करने के बाद उन्होंने वहां प्रदर्शित भगवान राम, कृष्ण, शंकर व अन्य देवी-देवताओं के चित्रों का दर्शन किया।
फूल-पत्तियों के रस से हाथ से बनाए चित्रों को देख हुए आनंदित
चित्रों को देखकर आनंदित हुए और पूछा कि इन चित्रों को बनाने वालों की विरासत संभालने वाला कोई है या नहीं? प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि अब उनके परिवारों में ऐसा कोई नहीं है। रखी पहली छपाई मशीन के पास पहुंचे तो उन्हें बताया कि इसी ट्रेडमील मशीन से पहली छपाई शुरू हुई थी, उसे देखकर उनके चेहरा आनंद से भर गया और गौर से उसे देखने लगे। पास में एक मेज पर रखी एक पन्ने पर हाथ से गोलाकार लिखी संपूर्ण गीता को देखकर अभिभूत हुए। उन्होंने लेंस की सहायता से उसे पढ़ा भी और पूछा कि यह कब की लिखी हुई है। प्रबंधक ने कहा कि इसकी कार्बन डेटिंग नहीं कराई गई है लेकिन यह बहुत पुरानी है। इसके साथ ही उन्होंने ताड़पत्र पर महाभारत, फूल-पत्तियों के रस से हाथ से लिखी गीता समेत अनेक पांडुलिपियां देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।
मोदी ने ट्रस्टियों के साथ खिंचवाई फोटो
गीताप्रेस की धार्मिक व सांस्कृतिक संपदा देखकर उत्साहित मोदी ने ट्रस्टियों के साथ फोटो खिंचवाई और साथ में बैठकर चर्चा की। प्रबंधक ने उन्हें गीताप्रेस की स्थापना से लेकर अब तक के इतिहास के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी और कहा कि हम 15 भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन करते हैं। इसी बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुजरात से आए हीरे के व्यापारी गोविंद प्रसाद ढोलकिया की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी का ध्यान आकृष्ट किया। मोदी ने ढोलकिया से गुजराती भाषा में उनकी हालचाल पूछी, उन्होंने गुजराती में ही उत्तर भी दिया। इसी बीच ट्रस्टी मुरली मनोहर सर्राफ ने गीताप्रेस में छपी गीता को बांटने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया तो पीएम ने हाथ जोड़कर कहा कि जैसा आपका आदेश हो। स्वागत करने व बैठक में ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल, ईश्वर प्रसाद पटवारी, नील रतन चांदगोठिया, रवि प्रसाद अग्रवाल व माधव जालान समेत अनेक लोग शामिल थे।