उज्जैन से गोरखपुर में हो रही असलहों की तस्करी, व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर हथियारों की करते हैं बुकिंग; तीन गिरफ्तार
उज्जैन से गोरखपुर में व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए असलहों का सौदा हो रहा है। गोला थाना पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपितों को दबोचा है। आरोपितों के मोबाइल से गोला थाना पुलिस को 60 नाम मिले हैं जो ग्रुप से जुड़े हैं।
गोरखपुर जिले की गोला थाना पुलिस ने अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के तीन सदस्यों को तीन तमंचा व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। यह गिरोह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पिस्टल व तमंचा की सौदेबाजी करता है और इसके तार मध्यप्रदेश के उज्जैन में रहने वाले असलहा तस्करों से जुड़े हैं। गिरोह के सरगना व अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी चल रही है।
यह है पूरा मामला
एसपी साउथ अरुण कुमार सिंह ने पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोला थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए कई युवक अवैध असलहों की सौदेबाजी कर रहे हैं। ग्रुप से जुड़े लोगों के पास पिस्टल व तमंचा की तस्वीर भेजते हैं। पसंद आने पर बेलघाट क्षेत्र के रहने वाले अपने साथी की मदद से मध्य प्रदेश के उज्जैन से असलहा मंगाकर बेचते हैं।
तीनों बदमाश भेजे गए जेल
मुखबिर की सूचना पर थानाध्यक्ष गोला अश्वनी तिवारी ने चिलवा पुल के पास घेराबंदी कर गोला के विमटी निवासी जयहिंद को गिरफ्तार किया। इसके पास से 315 बोर का तमंचा बरामद हुआ। उससे पूछताछ करने के बाद परसा निवासी महताब उर्फ नायक और मोहम्मद अख्तर उर्फ मच्छर को भी तमंचा के साथ गिरफ्तार किया गया। आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया।
क्या कहती है पुलिस
एसपी ने बताया कि यह गिरोह एक वर्ष से सक्रिय था। जयहिंद के मोबाइल से पुलिस को 60 लोगों का नाम व मोबाइल नंबर मिला जो इस गिरोह से जुड़े हैं। पुलिस उनके साथ ही बेलघाट के रहने वाले सरगना की तलाश कर रही है।
बेलघाट के युवकों ने बताया था नाम
सीओ गोला जगतराम कन्नौजिया ने बताया कि बेलघाट पुलिस ने कुछ दिन पहले राघवेंद्र और गुड्डू कन्नौजिया को पकड़ा था। इनसे पूछताछ और असलहों की फोटो मिलने के बाद पुलिस ने जांच तेज की तो जयहिंद का नाम सामने आया। जयहिंद को पकड़ने के बाद पुलिस ने उसके दो अन्य साथियों को पकड़ा है। आरोपितों ने अपने मोबाइल में देवा, महाकाल, गैंगस्टर, एके 47, गुंडों की टोली, एमके लिए नाम से ग्रुप बनाया था, जिसमें असलहों की फोटो पोस्ट करते थे।