STF ने मौलाना महमूद मदनी के दर्ज किए बयान, तीन संस्थाओं के पदाधिकारियों को भी किया तलब
एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि मुंबई की हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया को एनएबीसीबी (राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय प्रत्यायन बोर्ड) और अन्य किसी सरकारी संस्था द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया था। विभिन्न उत्पादों पर उसकी बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य तथा आर्थिक लाभ के लिए हलाल प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे थे।
एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) अवैध हलाल प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्थाओं की छानबीन में जुटी है। हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई के अध्यक्ष समेत चार पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने कुछ अन्य संस्थाओं के संचालकों को भी नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है।
सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ ने इसी मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के बयान भी दर्ज किए हैं। उन्हें बुधवार को एसटीएफ मुख्यालय बुलाया गया था। मौलाना मदनी हलाल प्रमाणपत्र जारी करने वाली एक संस्था से जुड़े हैं।
आर्थिक लाभ के लिए जारी किए जा रहे थे प्रमाण पत्र
एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि मुंबई की हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया को एनएबीसीबी (राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय प्रत्यायन बोर्ड) और अन्य किसी सरकारी संस्था द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया था। विभिन्न उत्पादों पर उसकी बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य और आर्थिक लाभ के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे।
प्रमाण पत्र के लिए लगभग 10 हजार रुपए व एक हजार रुपए प्रति उत्पाद की दर से वसूले जाने की बात सामने आई थी। शासन के निर्देश पर एसटीएफ ने विभिन्न प्रकार के उत्पादों को हलाल प्रमाणित करने वाली कंपनियों के विरुद्ध जांच शुरू की थी।
एसटीएफ कर रही है मामले की जांच
लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में 17 नवंबर, 2023 को हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल आफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा मुंबई व अन्य अज्ञात कंपनियों के संचालकों व प्रबंधकों के विरुद्ध दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच एसटीएफ कर रही है। इन संस्थाओं के संचालकों को भी नोटिस देकर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है।