बाराबंकी: अंधेरे में आधा शहर , 700 गांवों को 60 घंटे से बिजली गुल
बारिश के कारण जिले की बिजली व्यवस्था चरमराई तो पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है। आधे शहर में भीषण जलभराव से करंट उतरने के डर से एहतियातन बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है।
बारिश के कारण जिले की बिजली व्यवस्था चरमराई तो पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है। आधे शहर में भीषण जलभराव से करंट उतरने के डर से एहतियातन बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है। जबकि करीब 700 गांवों में बीते 60 घंटे से बिजली गुल है। इससे करीब छह लाख लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पल्हरी में दोनों उपकेंद्र में पानी भरने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। एक उपकेंद्र से पानी निकालने के बाद रोटेशन से इससे जुड़े मोहल्लों को बिजली आपूर्ति की जा रही है। ओबरी सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति की जा रही है मगर जलभराव के चलते कई इलाकों की आपूर्ति बंद कर दी गई है। इससे आधे शहर में बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
वहीं, दूसरी ओर सफदरगंज पावर हाउस में पानी भरने से डेढ़ सौ गांव की बिजली आपूर्ति बीते 60 घंटे से ठप है। मसौली में फाॅल्ट दुरुस्त नहीं हो सका। इससे बड़ागांव, बांसा, ज्योरी, देवकलिया समेत तीन सौ गांव की बिजली आपूर्ति बुधवार को भी शुरू नहींं हो सकी। निंदूरा में कुसी उपकेंद्र में पानी भरने से 250 गांव की बिजली आपूर्ति बीते साठ घंटे से ठप है। इसके अलावा निंदूरा क्षेत्र के छिलगवा गांव में ट्रांसफार्मर पानी में डूब जाने से तीन गांवों की बिजली बंद है।
सुबेहा में पीएचसी पर बीते एक सप्ताह से बिजली आपूर्ति बाधित है। वहीं, गांव संड़वा में चार दिन पूर्व फूंका ट्रांसफार्मर नहीं बदलवाया जा सका। रामसनेहीघाट क्षेत्र में कोटवा सड़क फीडर का पैनल ब्लास्ट हो गया। इससे 50 गांंव की बिजली मंगलवार रात से ही बंद है। इससे 25 हजार आबादी प्रभावित है।
अधीक्षण अभियंता मनोज सोनकर ने बताया कि सभी अधिकारी कर्मचारी लगातार जुटे हैं, जल्द ही बिजली आपूर्ति बहाल हो जाएगी।
एसडीएम व एक्सईन ने निकलवाया पानी
रेठ नदी का पानी मंगलवार रात अचानक बढ़ गया। पानी बढ़ने से उमरा स्थित पावर ग्रिड जलमग्न हो गया। एसडीएम पवन कुमार, अधिशासी अभियंता रामाऔतार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। जेसीबी से खोदाई कराकर जलनिकासी कराई गई।