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Friday, September 20, 2024
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कौन है भोले बाबा, जिनके सत्संग ने ले ली सवा सौ जानें; जानिये हाथरस में हुई भगदड़ से जुड़ी हर एहम जानकारी

हाथरस में सत्‍संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। देश को झकझोर देने वाली यह घटना तब हुई जब नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए लोग आतुर हो गए। मृतकों में अधि‍कतर महिलाएं व बच्चे शामि‍ल हैं।

कौन है भोले बाबा, जिनके सत्संग ने ले ली सवा सौ जानें; जानिये हाथरस में हुई भगदड़ से जुड़ी हर एहम जानकारी

UP के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद भगदड़मच गई। इसमें महिलाएं और बच्चे फंस गए। भीड़ ने उन्हें कुचल दिया और शवों के ढेर लगगए। अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों मेंज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं। हाल के सालों में येसबसे बड़ी त्रासदी है।

 

भगदड़ उस समय हुई, जब लोग भोले बाबाके चरणों की धूल लेने को टूट पड़े। वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की।लोग फिसले और जमीन पर गिरे, फिर एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल गए।हादसे के बाद भोले बाबा फरार हो गया। हादसे के 17 घंटे बाद भीपुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिली है।

 

भोले बाबा का आश्रम 30 एकड़ में है।उसने खुद की आर्मी बना रखी है। यौन शोषण समेत 5 मुकदमे दर्जहैं। UP पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल रहते हुए यौन शोषण का आरोप लगा तो उसेबर्खास्त कर दिया गया था। जेल भी गया। बाहर आया तो नाम और पहचान बदल ली। अनुयायीभोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि को परमात्मा कहते हैं, जबकि उसकी पत्नीको मां जी। हर समागम कार्यक्रम में बाबा और उसकी पत्नी शामिल होते हैं, जबबाबा नहीं होते तो पत्नी प्रवचन देती। तीन महीने से पत्नी का स्वास्थ्य खराब है,इसलिएबाबा अकेले ही प्रवचन देने जाते थे।

 

बाबा कहां है, सामने आई 2थ्योरी...

हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरईगांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। उस वक्त भोले बाबा गांव मेंमौजूद था। लेकिन, भगदड़ मचते ही वह फरार हो गया। अब वह कहां है,इसकीकोई जानकारी नहीं है। इस बीच दो थ्योरी सामने आईं। पहली कि बाबा पुलिस की गिरफ्त मेंहै। उसे मैनपुरी के कस्बा बिछवा स्थित राम कुटीर आश्रम में रखा गया है। आश्रम केअंदर-बाहर फोर्स तैनात कर दी गई है।

 

मामला ठंडा होते ही पुलिस उसकी गिरफ्तारी दिखासकती है। दूसरी थ्योरी में यह बताया जा रहा है कि बाबा ने अपना मोबाइल बंद कर लियाहै। वह फरार हो गया है। उसकी लोकेशन पुलिस को नहीं मिल रही है।

 

एटा में जन्म, नौकरी सेबर्खास्त, फिर बदला नाम और पहचान

भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटाजिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है। शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में हुई। बचपनमें पिता के साथ खेती-किसानी में हाथ बंटाता था। पढ़ाई के बाद UP पुलिसमें नौकरी लग गई। UP के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट मेंसूरज पाल की तैनाती रही।

 

UP पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28साल पहले सूरज पाल इटावा में भी पोस्टेड रहा। नौकरी के दौरान उसके खिलाफ यौन शोषणका मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया। जेल से छूटनेके बाद उसने अपना नाम नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया और उपदेशक बन गया।लोग उसे भोले बाबा कहने लगे। उसकी पत्नी भी समागम में साथ रहती है।



30 एकड़ में आश्रम, 10 साल पहलेमैनपुरी पहुंचा

बाबा का गांव में आश्रम 30एकड़ में फैला हुआ है। जहां किसी देवता की मूर्ति नहीं है। 2014में उसने बहादुर नगर से मैनपुरी के बिछवा में अपना ठिकाना बदल लिया और आश्रम काप्रबंधन स्थानीय प्रशासक के हाथों में छोड़ दिया। सूत्रों ने बताया कि उसके ठिकानाबदलने के बावजूद आश्रम में हर दिन 12,000 तक लोग आते थे।

 

वह कारों के काफिले के साथ चलता है। मीडिया सेदूरी बनाए रखने वाले बाबा की गांव-गांव गहरी पैठ है। अनुयायी उसे भगवान शिव की तरहपूजते हैं। इसलिए उसका नाम भोले बाबा पड़ गया।

 

मॉर्डन लुक अपनाया

भोले बाबा किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाकनहीं पहनता। वह अपने सत्संग में थ्री पीस सूट और रंगीन चश्मे में नजर आता है। सूटऔर बूट का रंग हमेशा सफेद होता है। कई बार कुर्ता-पैजामा और सिर पर सफेद टोपी भीलगाकर सत्संग करने पहुंचता है।

 

बाबा का दावा- नौकरी छोड़ने के बाद भगवान से साक्षात्कारहुआ

भोले बाबा अपने समागम में दावा करता है- 18साल की नौकरी के बाद 90 के दशक में उसने VRS ले लिया। उसेनहीं मालूम कि सरकारी नौकरी से अध्यात्म की ओर खींचकर कौन लाया? VRS लेनेके बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। भगवान की प्रेरणा से पता चला, यहशरीर उसी परमात्मा का अंश है। इसके बाद उन्होंने अपना जीवन मानव कल्याण में लगानेका फैसला कर लिया।

 

वह कहता है- मैं खुद कहीं नहीं जाता, बल्किभक्त मुझे बुलाते हैं। भक्तों की फरियाद पर अलग-अलग स्थानों पर घूमकर समागम करतेरहते हैं। इस समय कई IAS-IPS अफसर उसके चेले हैं। अक्सर उनके समागममें राजनेता और अफसर पहुंचते हैं। शादियां भी कराई जाती हैं।

 

बिना प्रसाद और चढ़ावे के आते हैं भक्त

साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के आयोजन मेंकोई प्रसाद नहीं चढ़ता। अनुयायी भी कोई चढ़ावा नहीं चढ़ाते हैं। बाबा कोई साहित्य यासामग्री नहीं बेचते। समागम कार्यक्रमों के लिए श्रद्धालुओं से चंदा नहीं लियाजाता। अनुयायी मंच के नीचे से बाबा को प्रणाम करते हैं। चढ़ावा नहीं लेने की वजह सेबाबा के अनुयायी बढ़ते गए।

 

अखिलेश यादव समागम में शामिल हुए थे

बाबा का कनेक्शन सियासत से भी है। कुछ मौकों परUP के कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा गया। इसमें समाजवादी पार्टीके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है। अखिलेश यादव ने जनवरी,2023में एक समागम में हिस्सा लिया था। उन्होंने 4 तस्वीरें Xअकाउंटपर पोस्ट की। लिखा- नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जयजयकार हो।

 

बता दें कि हादसे के बाद से कई राजनैतिकपार्टियों के बड़े नेताओं समेत अन्य लोगों के भी बयान सामने आ चुके हैं।


साथ ही बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में घायल हुए लोगों से बागला संयुक्तचिकित्सालय में भेंट कर उनका कुशल-क्षेम जाना। चिकित्सकों से उनके उपचार के संबंधमें जानकारी प्राप्त की।


मुख्यमंत्री ने कुशल चिकित्सकों के नेतृत्व मेंसभी का समुचित उपचार शीर्ष प्राथमिकता पर किए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंनेकहा कि इस कठिन समय में राज्य सरकार पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ पीड़ितोंऔर उनके परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने सभी घायलों की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कीकामना भी की।

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