Breaking News

Saturday, September 21, 2024
Home / देश / विदेश /

  • 0
  • 132

द ‘हाइवे मिनिस्टर’ 2024 के चुनावों से पहले, गडकरी पर बायोपिक उनके पीएम बनने की क्षमता को बता रही है

नवोदित निर्देशक अनुराग रंजन भुसारी की मराठी बायोपिक जिसका नाम 'गडकरी' है, ऐसे समय में आई है जब माना जा रहा है कि मोदी सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री अपनी जगह खो रहे हैं।

द ‘हाइवे मिनिस्टर’ 2024 के चुनावों से पहले, गडकरी पर बायोपिक उनके पीएम बनने की क्षमता को बता रही है

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जीत दिलाने में मदद की और वह प्रधानमंत्री बनने की ओर अग्रसर थे, लेकिन भ्रष्टाचार और अंदरूनी कलह के आरोपों ने शायद उनकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया। यह अक्षय देशमुख फिल्म्स द्वारा निर्मित और नवोदित अनुराग रंजन भुसारी द्वारा निर्देशित, गडकरी के जीवन पर हाल ही में बनी बायोपिक, जिसका नाम ‘गडकरी’ है, में बताया गया है। 

अब, एक और लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, शुक्रवार को रिलीज हुई मराठी फिल्म में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता से लेकर लोकसभा के लिए अपने पहले चुनाव में प्रचंड जीत तक की गडकरी की राजनीतिक यात्रा को दर्शाया गया है। यह नागपुर के सांसद की मंशा, क्षमता और उपलब्धियों के साथ-साथ उनके राजनीतिक कौशल के बारे में भी बताता है। 

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री पर चीनी जैसी चाश्नी से भरी ये बायोपिक ऐसे समय आई है जब गडकरी की जगह कथित तौर पर भाजपा और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के भीतर ‘वजन कम’ हो रहा है। 

फिल्म इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे गडकरी, जिन्हें अक्सर “फ्लाईओवर मिनिस्टर” और “हाईवे मैन” कहा जाता है, ने 1990 के दशक में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना को ‘बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर’ के आधार पर लागू करके भारत में सार्वजनिक परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण में क्रांति ला दी थी , जब देश में बहुत से लोग इस मॉडल को नहीं समझते थे। 

यह बायोपिक खाने के प्रति उनके प्यार को भी दिखा रही है जिसमें यह बताया गया है कि समोसा उन्हें कितना पसंद है। 

पिछले हफ्ते पीटीआई से बात करते हुए, निर्देशक भुसारी ने कहा, “कैरेक्टर को कोई सुपरमैन ट्रीटमेंट नहीं दिया गया है। हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं. मैंने वह सब कुछ कवर किया है जो उनके जीवन का हिस्सा था। 

लेकिन, फिल्म में एक संदेश है – कि गडकरी का काम उनके लिए लगातार चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है. उन्हें किसी कठोर प्रचार अभियान या गॉडफादर की जरूरत नहीं है। 

फिल्म में लोकसभा चुनाव से पहले जब वह अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर गए हुए हैं तो एक पत्रकार से कहते हुए नजर आ रहे हैं, “चुनाव तो मैं जीत ही जाऊंगा ” यह 2014 या 2019 किस चुनाव के बारे में कहा गया है यह साफ नहीं हो सका है। 

चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, गडकरी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 2014 में लड़ा था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के विलास मुत्तेमवार को हराकर नागपुर सीट 2.84 लाख वोटों के भारी अंतर से जीती थी। उन्होंने 2019 में 2.16 लाख के थोड़े छोटे अंतर के साथ सीट बरकरार रखी। 

हाईवे मैन
बायोपिक में दिखाया गया है कि कैसे 1990 के दशक में महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में गडकरी ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना को आगे बढ़ाया, जब किसी को भी इस योजना के पूरा होने पर विश्वास नहीं था चाहें वो तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी, शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे, उद्योगपति धीरूभाई अंबानी और यहां तक कि पत्रकार भी इसमें शामिल थे। 

एक ऐसा भी समय आया जब, गडकरी को यह कहते हुए दिखाया गया है कि यदि वह एक्सप्रेसवे को बनाओ, चलाओ, स्थानांतरित करो मॉडल पर बनाने में विफल रहे तो वह अपनी मूंछें मुंडवा लेंगे। 

फिल्म में गडकरी एक्सप्रेसवे परियोजना में अपने आत्मविश्वास के बारे में बात करते हुए कहते हैं, “मैं फ्रंटफुट पर खेलता हूं। अगर कोई मुझे नो बॉल देता है तो मैं छक्का मारता हूं, मैं रन आउट नहीं होता।”

एक्सप्रेसवे 2002 में परिचालन के लिए खोला गया और इसे 1630 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। परियोजना का मूल अनुमान 3,600 करोड़ रुपये था। फिल्म में आत्मविश्वास से भरे गडकरी को यह कहते हुए दिखाया गया है कि वह 1,600 से 2,000 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को लागू कराएंगे। 

फिल्म में, एक्सप्रेसवे के भूमि पूजन समारोह के बाद, गडकरी की पत्नी कहती हैं, “आपने मुंबई जीत लिया है और वापस आ जाओ।” हालांकि, बायोपिक को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में धीमी प्रतिक्रिया मिली, कुछ सिनेमाघरों ने खराब प्रतिक्रिया के कारण शो रद्द कर दिए। 

2019 में भी, गडकरी का लोकसभा अभियान केंद्रीय मंत्री के रूप में उनके काम पर केंद्रित था, इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया था कि उन्होंने देश भर में लंबे राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का निर्माण कैसे किया – अधिकांश भाजपा उम्मीदवारों के विपरीत, जिन्होंने मोदी के नाम पर भारी प्रचार किया। 

अब, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, बायोपिक उन सभी कारकों को उजागर करने का प्रयास करती है, जिनका हवाला गडकरी के समर्थक इस बारे में बात करते समय करते हैं कि नेता में प्रधान मंत्री पद की क्षमता क्यों है। उनकी चर्चा इंफ्रास्ट्रक्चर मैन के रूप में की जाती है। उन्हें यह विश्वास करते हुए दिखाया गया है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ भी अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए क्योंकि ‘हार जीत तो होती रहती है’ (जीतना और हारना खेल का हिस्सा है)। एक स्थान पर, उन्हें महात्मा गांधी की आत्मकथा पढ़ते हुए दिखाया गया है। विपक्ष में रहते हुए भी उन्हें हमेशा लोगों के बीच रहकर उनके मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करते हुए दिखाया गया है। 

Trending news

लखनऊ: अकबरनगर के लोग बोले- 70 साल यहीं रहे, बिजली बिल और हाउस टैक्स भरे; एक झटके में उजाड़ दिया आशियाना

लखनऊ में जम्मू-कश्मीर की आतंकी घटना को लेकर प्रदर्शन: बजरंग दल और वीएचपी ने पाकिस्तान का फूंका पुतला, राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा

बाराबंकी: पड़ोसी सोशल मीडिया पर डालता है महिलाओं की फोटो, शिकायत करना पीड़ित को पड़ा भारी, पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को पीटा

बाराबंकी में पुलिस और बदमाश में मुठभेड़: बदमाश हुआ घायल, तमंचा और कारतूस बरामद

UP: आईएएस धनंजय शुक्ला अपर आयुक्त राज्यकर बनाए गए, दो अफसरों को नई जिम्मेदारी

Most View

Our Latest Blog

लखनऊ : LDA ने  4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई
लखनऊ : LDA ने 4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई

अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के दायरे में पूरा लखनऊ जिला होगा। कैंट और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को छोड़कर लखनऊ का कोई भी गांव हो या मजरा सभी ज...

ट्रैफिक से निजात पाने की अब तक की सारी तरकीबें फेल, प्रसाशन आज भी नहीं हटा पाया चिनहट, कामता और मटियारी का जाम
ट्रैफिक से निजात पाने की अब तक की सारी तरकीबें फेल, प्रसाशन आज भी नहीं हटा पाया चिनहट, कामता और मटियारी का जाम

राजधानी लखनऊ के कुछ व्यस्ततम चौराहों पर आज भी ट्रैफिक की समस्या जस की तस। उमस भरी इस गर्मी में घंटों जाम से जूझते हैं लोग। इस समस्या से निजात पाने की ...

लखनऊ:  बंद घर में दरवाजा तोड़कर घुसे चोरो ने उड़ाए 7 लाख  का सामान , वारदात CCTV में   कैद
लखनऊ: बंद घर में दरवाजा तोड़कर घुसे चोरो ने उड़ाए 7 लाख का सामान , वारदात CCTV में कैद

लखनऊ के सूर्या सिटी में देर रात 2 चोरों ने एक घर से लाखों की ज्वेलरी और नगदी चोरी की है। पीड़ित ने इंदिरा नगर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। घटन...