सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित, PM मोदी बोले- भारत में ही बनेंगे पिस्टल से लेकर फाइटर प्लेन
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आर्डिनेंस फैक्ट्रियां दुनिया की शक्तिशाली फैक्ट्रियों के रूप में जानी जाती थीं। आजादी के बाद इन फैक्ट्रियों को अपडेट करने की जरूरत थी, और इस कार्य के लिए विजयादशमी से अच्छा अवसर नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सात नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह शुभ संकेत हैं कि विजयादशमी के दिन यह कार्यक्रम हो रहा है। शस्त्र पूजन से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। भारत शक्ति को ही सृजन का माध्यम मानता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन ही पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साहब की जयंती भी है। कलाम साहब ने जिस तरह अपने जीवन को शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए समर्पित किया, वो हम सबके लिए प्रेरणा देने वाला है।
विश्वयुद्ध के समय दुनिया ने देखा भारत का दमखम
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आर्डिनेंस फैक्ट्रियां दुनिया की शक्तिशाली फैक्ट्रियों के रूप में जानी जाती थीं। इनके पास लंबा अनुभव है। विश्व युद्ध के समय इनका दमखम दुनिया ने देखा है। आजादी के बाद इन फैक्ट्रियों को अपडेट करने की जरूरत थी, इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। समय के साथ भारत सामरिक जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर हो गया। इन परिस्थितियों से परिवर्तन लाने में ये कंपनियां भूमिका निभाएंगी।
भारत में ही बनेंगे पिस्टल से लेकर फाइटर प्लेन तक
पीएम ने कहा कि कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा। भारतीय सेना को मजबूती देने के लिए देश की सात रक्षा कंपनियां सैनिकों के लिए पिस्टल से लेकर फाइटर प्लेन बनाएंगी। इन कंपनियों को तीनों सेनाओं और अर्धसैनिक बलों से 65 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं। ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है।
सात नई रक्षा कंपनियां शामिल
इनमें एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, ट्रूप कंफर्ट्स लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड, म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड, अवनी आर्मर्ड व्हीकल्स, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड, यंत्र इंडिया लिमिटेड हैं। ये कंपनियां गोला-बारूद और विस्फोटक, वाहन, हथियार और उपकरण, सैन्य सुविधा आइटम, ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स गियर, पैराशूट और सहायक उत्पादों का उत्पादन करेंगी। इन कंपनियों के हथियार निर्माण से भारतीय सेना को मजबूती मिलेगी।