नोटबंदी के पांच साल, विपक्ष आज भी पूछ रहा सवाल
नोटबंदी की वर्षगांठ पर विपक्षी नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस फैसले के लिए घेरा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं, वहीं एनसीपी, टीएमसी और दूसरे दलों ने भी उनको घेरा है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के नोटबंदी के फैसले को आज (8 नवंबर) पांच साल हो गए हैं। नोटबंदी की वर्षगांठ पर विपक्षी नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस फैसले के लिए घेरा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं, उन्होंने ट्वीट कर लिखा है- अगर नोटबंदी सफल थी तो 1. भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ? 2.कालाधन वापस क्यों नहीं आया? 3.अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हुई? 4.आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई? 5.महंगाई पर अंकुश क्यों नहीं लगा?
टीएमसी ने भी सरकार को घेरा
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पार्टी प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नोटबंदी के ऐलान के बाद किए गए ट्वीट के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए मोदी सरकार को घेरा है। ब्रायन ने नोटबंदी को अर्थव्यवस्था के लिए 'काला दिन' करार देते हुए ट्वीट में लिखा, 8 नवंबर 2016 की रात नोटबंदी की घोषणा के कुछ घंटों बाद सिर्फ ममता बनर्जी ही पकड़ पाई थीं इससे क्या नुकसान होगा।
नवाब मलिक ने भी मांगा जवाब
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी मोदी सरकार से नोटबंदी पर जवाब देने को कहा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- आज नोटबंदी को 5 साल पूरे हो गए। ना कला धन वापस आया, ना भ्रष्टाचार कम हुआ और ना आतंकवाद बंद हुआ। मोदी जी ने तीन महीने मांगे थे, अब वह ही बता दें के हमे किस चौराहे पर आना है।
5 साल पहले लिया गया था नोटबंदी का फैसला
देश में नोटबंदी को आज से पांच साल पहले 8 नवंबर 2016 को लागू किया गया था। आठ नवंबर 2016 की शाम नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। इस फैसले से भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद खत्म होने और डिजिटल लेनदेन बढ़ने का दावा किया गया था। हालांकि ये बातें सही साबित नहीं हुईं। इसके उलट कई रिपोर्ट कहती हैं नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को पटकी से उतार दिया। ऐसे में विपक्ष लगाचार नोटबंदी की आलोचना करता रहा है और मोदी सरकार को घेरता रहा है।