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स्टूडेंट्स, कामगार, बच्चे-बुजुर्ग... भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कौन-कौन जुड़ा? जानिए

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा लेकर राहुल गांधी शनिवार को दिल्‍ली पहुंचे। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम लोग भी राहुल की एक झलक पाने को उमड़े चले आए।

स्टूडेंट्स, कामगार, बच्चे-बुजुर्ग... भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कौन-कौन जुड़ा? जानिए

भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी शनिवार को दिल्‍ली पहुंच गए। उत्‍तर भारत में कड़ाके की सर्दी है लेकिन राहुल ने सिर्फ वाइट टीशर्ट पहन रखी थी। उनके जीजा रॉबर्ट वाड्रा भी गुलाबी रंग की टीशर्ट पहने दिखे। सर्द मौसम में राहुल को कांग्रेस कार्यकर्ताओं का साथ तो मिला ही, आम लोगों की भीड़ भी जुटी। बदरपुर से लेकर लाल किले तक हजारों लोग राहुल के साथ चले। पूरा रास्‍ता तिरंगों, गुब्बारों और राहुल की तस्वीर वाले बैनरों से पटा था। यात्रा में जोश भरने के लिए राष्ट्रभक्ति गीत, राजस्थानी संगीत, नृत्य, ढोल-नगाड़े बज रहे थे। एक सवाल जो बहुतों की जुबां पर था, 'राहुल जी कहां हैं?' प्रगति मैदान के पास मजदूरों का जत्‍था हो या पटियाला हाउस कोर्ट में मौजूद वकील, हजारों की संख्‍या में आगे बढ़ती भीड़ को लोग कौतूहल की नजर से देख रहे थे। इस भीड़ में कोई ग्रैजुएट है तो कोई प्राइवेट जॉब करता है, कोई विदेश से लौटकर आया है तो किसी की टेलर शॉप है... सभी राहुल गांधी की एक झलक पाने को बेकरार दिखे।

जीके से सपोर्ट देने पहुंचीं तीन बुजुर्ग महिलाएं
ग्रेटर कैलाश इलाके से तीन बुजुर्ग महिलाएं राहुल गांधी की यात्रा से जुड़ीं। पामिला, कोमल सहगल और वीणू एक साथ मिलकर कांग्रेस की यात्रा को सफल बनाने पहुंचीं। पामिला ने बताया कि वो सुबह बदरपुर पहुंचीं, तीन किलोमीटर पैदल यात्रा की। फिर घर वापस आईं और फिर से निजामुद्दीन में इस यात्रा में शामिल हुईं। उनका कहना था कि इस यात्रा का थीम ही इतना अच्छा है कि मैं खुद को इससे दूर नहीं रख पाई। लोगों को जोड़ने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता।

पामिला ने कहा कि 'देश के लिए हम यहां हैं। हमें लगता है कि राहुल ऐसा कर सकते हैं। आज जो माहौल है उससे तो डर लगता है। घर के अंदर भी बात करने में डर लगता है, वॉट्सऐप पर मेसेज करो तो उसको लेकर हमें डराया जाता है, कहा जाता है कि नजर रखी जाती है। इतने डर के माहौल में तो अब हम अपने बच्चे को भी कहने लगे हैं कि बाहर ही रहो, यहां मत आना। लेकिन यह यात्रा एक अच्छा संदेश दे रही है। मैंने भी फैसला कर लिया कि डरना नहीं है और घर से निकल पड़ी इस यात्रा में शामिल होने के लिए।'

'सबको साथ लेकर चलते हैं राहुल गांधी'
हाल ही में ग्रैजुएट हुईं 22 साल की पिंकी अपनी मां उमा देवी के साथ आई थीं। न्‍यू फ्रेंड्स कॉलोनी के पास ईश्‍वर कॉलोनी में रहने वाली पिंकी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राहुल को एक मौका देना चाहिए। पिंकी के मुताबिक, 'मुझे लगता है कि मेरे जैसे नौजवान लोग राहुल गांधी को आशा की नजर से देखते हैं। ऐसा हो सकता है कि शायद वह हमें बेहतर ढंग से समझ सकें। शायद हमें उनको एक मौका देना चाहिए।' आश्रम चौक के पास रहने वाली एलिजाबेथ बदरपुर से सुखदेव विहार तक पैदल गईं, इस उम्‍मीद में कि राहुल दिख जाएंगे। प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले अब्‍दुल्‍ला और जावेद भी यात्रा का हिस्‍सा बने। ओखला निवासी अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि वे लोग पार्टी से नहीं हैं फिर भी आए हैं। उन्‍होंने अखबार से कहा, 'राहुल गांधी का कद बड़ा है और वह अपने साथ सभी धर्मों के लोगों को लेकर चलते हैं जो मुझे बाकियों में नहीं दिखता। लोकतंत्र की रैंकिंग्‍स में हम लगातार गिर रहे हैं। अगर भारत में ऐसा ही चलता रहा तो मुझे बड़ा डर लगता है...।'

"अपनी पत्नी और 3 साल की बेटी को लेकर आया हूं। अभी देश में जो माहौल है, उसे केवल राहुल गांधी और कांग्रेस ही बेहतर कर सकते हैं। बीजेपी की राजनीति फेल हो चुकी है। उनकी हर पॉलिसी नाकाम है। जिसमें जनता ही खुश नहीं हो, उस पॉलिसी का क्या करना। यह सरकार दमनकारी नीति से चल रही है, सभी स्वायत्त संस्थाओं को कमजोर कर दिया गया है, इसलिए सारी उम्मीदें राहुल पर टिकी हैं।" -तनवीर

दुबई से लौटकर दिल्‍ली आए 50 साल के नरेंद्रन ने कहा कि वह 'आत्‍म संतुष्टि' के लिए पत्‍नी संग यात्रा में शामिल हुए। आश्रम के पास दर्जी का काम करने वाले नानक चंद ने दुकान से यात्रा गुजरते देखी। उन्‍होंने कहा, 'लोग इसके लिए जुटे हैं तो जरूर यात्रा में कुछ बात होगी। शहर में पार्टी इसलिए हार रही है क्‍योंकि कोई मजबूत नेता नहीं है।' आंत्रप्रेन्‍योर नेहा बंसल ने कहा कि 'यह ऐसी यात्रा है जिसे कोई दूसरा नहीं कर सकता। जिस तरह वे (राहुल) लोकल लोगों से कनेक्‍ट कर रहे हैं.... वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।'

नेत्रहीन छात्र भी यात्रा से जुड़े
नेत्रहीन छात्रों के एक समूह ने शनिवार को भारत जोड़ो यात्रा के रूट पर शिविर लगाया। करीब 15-20 नेत्रहीन छात्र अपोलो अस्पताल के रास्ते पर बैनर लेकर जमा हुए, 'जो नफरत छोड़ो भारत जोड़ो' के नारे लगा रहे थे। छात्रों का कहना था कि देश में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ विरोध जताने के लिए हमने यात्रा में भाग लिया। कहा कि ऐसे कई नेत्रहीन छात्र हैं, जिन्होंने शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, लेकिन सालों से बेरोजगार हैं। देश में नौकरियों की कमी के कारण पढ़े-लिखे लोग बेरोजगार घूम रहे हैं। अगर हमारे लिए पर्याप्त नौकरियां नहीं हैं, तो शिक्षा प्राप्त करने का क्या औचित्य है? एक अन्य छात्र ने कहा कि समुदायों के बीच नफरत को खत्म करने और महंगाई के खिलाफ आवाज उठाने के मकसद से यात्रा में हिस्सा लिया।

साथ देने आईं मां सोनिया, कुछ मिनट साथ चलीं
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शनिवार को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं और थोड़ी दूर तक राहुल गांधी के साथ चलीं। यह दूसरी बार है, जब सोनिया गांधी ने कन्याकुमारी से सितंबर में शुरू हुई इस पदयात्रा में हिस्सा लिया है। वह इससे पहले अक्टूबर में कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुई थीं। सुबह में विश्राम के लिए यात्रा के यहां आश्रम चौक पहुंचने से पहले सोनिया गांधी ने फेस मास्क लगाकर बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कुछ मिनट तक चलीं। राहुल ने मां के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि जो मोहब्बत इनसे मिली है, वही देश से बांट रहा हूं।

क्या यूपी में विपक्ष का साथ मिलेगा राहुल को?
राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो' यात्रा तीन जनवरी को यूपी में प्रवेश कर रही है। तीन दिन के कार्यक्रम में यह यात्रा शामली होते हुए सोनीपत के रास्ते हरियाणा में प्रवेश करेगी। हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अन्य राज्यों की तरह यहां राहुल गांधी की इस यात्रा को यहां विपक्ष का साथ मिलेगा? राहुल गांधी ने पहले ही साफ किया था कि यह कांग्रेस की यात्रा नहीं है इसलिए इसे एक पार्टी के कार्यक्रम से जोड़कर न देखा जाए। उन्होंने इस यात्रा में समान विचारधारा वाले लोगों का सहयोग भी मांगा था और शामिल होने की अपील भी की थी।

यही वजह है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम आदित्य ठाकरे समेत अन्य यात्रा में शामिल हुए। राहुल गांधी की यात्रा जिस भी प्रदेश में प्रवेश कर रही है, उससे पहले उनका आमंत्रण पत्र समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं और प्रदेश के गणमान्य लोगों को जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि यूपी में भी विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखा गया है। फिलहाल इस बात की संभावना कम ही दिख रही है कि विपक्ष के तीनों सबसे बड़े चेहरों में शामिल बसपा प्रमुख मायावती, सपा मुखिया अखिलेश यादव और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी इस यात्रा में हिस्सा लेंगे।

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