सीता के साथ दिन में बैठकर शराब पीते थे राम, कैसे हुए आदर्शवादी? फेमस कन्नड़ लेखक केएस भगवान ने उगला जहर, विवाद
कर्नाटक के मांड्या में पहुंचे कन्नड़ लेखक केएस भगवान ने विवादित बयान दिया है। तर्कवादी केएस भगवान (KS Bhagwan) ने कहा है कि भगवान राम आदर्शवादी नहीं हो सकते हैं। वह दोपहर में सीता के साथ बैठकर खुद शराब पीते थे और उनको भी पिलाते थे। उनके बयान पर विवाद शुरू हो गया है।
कन्नड़ भाषा के प्रसिद्ध लेखक और तर्कवादी केएस भगवान ने जहर उगला है। उन्होंने भगवान सीता और राम को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि वाल्मीकि रामायण में कहा गया है कि भगवान राम हर दोपहर अपनी पत्नी सीता के साथ बैठकर शराब पीते थे। दोपहर में, राम की मुख्य गतिविधि सीता के साथ बैठना और शराब पीना था। मैं यह नहीं कह रहा हूँ। दस्तावेज यही कहते हैं, लेखक को यह कहते सुना गया है।
केएस भगवान ने 20 जनवरी, 2023 को कर्नाटक के मांड्या में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह विवादित टिप्पणी की। यह पहली बार नहीं है जब कन्नड़ लेखक ने भगवान राम पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
'आदर्श नहीं थे राम'
लेखक ने कहा, 'राम राज्य बनाने की बात चल रही है... वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड को पढ़ने से पता चलता है कि (भगवान) राम आदर्श नहीं थे। उन्होंने 11,000 वर्षों तक शासन नहीं किया, बल्कि केवल 11 वर्षों तक शासन किया।'
'कैसे हो सकते हैं आदर्श'
आगे लेखक ने कहा, 'राम दोपहर में सीता के साथ बैठते थे और दिन में शराब पीते थे ... उन्होंने अपनी पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया और उनकी परवाह नहीं की... उन्होंने शूद्र शंबूक का सिर काट दिया जो एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहा था। वह आदर्श कैसे हो सकता है ?'
'नशा करते और कराते थे राम'
लेखक केएस भगवान ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम 'नशा' पीते थे और सीता को भी इसका सेवन कराते थे। उन्होंने अपनी पुस्तक 'राम मंदिर यके बेड़ा' में यह टिप्पणी की थी।
हिंदू संगठनों ने किया विरोध
कुछ हिंदू संगठनों ने तब केएस भगवान की टिप्पणियों का कड़ा विरोध किया और लेखक के आवास के बाहर 'पूजा' करने की कोशिश की। संगठनों के सदस्यों को अनुष्ठान करने से रोकने के लिए सरकार को केएस भगवान के आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी करनी पड़ी।
केएम निशांत के नेतृत्व में एक हिंदू संगठन ने कुवेम्पुनगर में भगवान के आवास के बाहर पूजा करने की कोशिश की थी। निशांत ने कहा कि हिंदू देवताओं पर लेखक के बयानों ने समाज की शांति को भंग कर दिया है।
निशांत ने कहा, 'भगवन ने अपनी पुस्तक 'राम मंदिर यके बेदा' में वाल्मीकि की रामायण के अंतिम अध्याय उत्तर कांड के छंदों का उल्लेख किया है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि हिंदू उत्तर कांड से सहमत नहीं हैं क्योंकि हमारा मानना है कि वामीकि ने अध्याय नहीं लिखा है। पूरे 24,000 रामायण में श्लोक, उत्तर कांड का कोई संदर्भ नहीं है।'