'एक देश एक चुनाव' पर केंद्र का बड़ा कदम, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई समिति
देश के आजाद होने के कुछ समय बाद तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए जाते थे लेकिन इस प्रथा को बाद में खत्म करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग से कराया जाने लगा।
देश में एक ही चुनाव कराने को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र ने 'एक देश एक चुनाव' को लेकर एक समिति का गठन किया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। यह समिति इस मुद्दे पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही यह तय होगा कि आने वाले समय में क्या सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी कराएगी या नहीं। बता दें कि एक देश-एक चुनाव का मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ ही करा लिए जाएं। देश के आजाद होने के कुछ समय बाद तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए जाते थे लेकिन इस प्रथा को बाद में खत्म करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग से कराया जाने लगा।
सरकार के लिए भी आसान नहीं है फैसला
सरकार ने एक देश, एक चुनाव की संभावनाओं पर विचार के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। हालांकि सरकार के लिए भी इस फैसले को लागू करना और इस संबंध में कानून बनाना आसान नहीं होगा। दरअसल एक साथ चुनाव कराने के लिए कई विधानसभाओं के कार्यकाल में मनमाने ढंग से कटौती करनी पड़ेगी। जिसका विरोध होना तय है।
क्षेत्रीय दलों को हो सकता है नुकसान
राजनीति के जानकारों का मानना है कि एक देश, एक चुनाव अगर देश में लागू हो जाता है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान क्षेत्रीय दलों को होगा। दरअसल लोकसभा चुनाव में आमतौर पर मतदाता राष्ट्रीय मुद्दों के आधार पर और राष्ट्रीय पार्टी को वोट देना पसंद करते हैं। ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव होंगे तो हो सकता है कि क्षेत्रीय दलों को इसका नुकसान झेलना पड़े।
सरकार ने विपक्ष की चिंताओं को बताया निराधार
एक देश, एक चुनाव को लेकर बनी कमेटी पर विपक्ष की चिंताओं पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 'अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। घबराने की बात क्या है? अभी बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा।'
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। सूत्रों के अनुसार सरकार इस दौरान एक देश एक चुनाव को लेकर बिल भी ला सकती है।