समय से छह दिन पहले ही खत्म हो गया संसद सत्र, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित
संसद की शीतकालीन सत्र आज ही समाप्त हो गया। यूं तो 7 दिसंबर से शुरू हुए इस सत्र की अवधि 29 दिसंबर तक के लिए निश्चित की गई थी, लेकिन यह सत्र निर्धारित समय से पहले ही समाप्त हो गया।
संसद की शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) आज ही समाप्त हो गया। यूं तो 7 दिसंबर से शुरू हुए इस सत्र की अवधि 29 दिसंबर तक के लिए निश्चित की गई थी, लेकिन यह सत्र निर्धारित समय से पहले ही समाप्त हो गया। दरअसल, विपक्ष अरुणाचल प्रदेश के तवांग स्थित यांगत्से में चीनी सेना के साथ संघर्ष पर चर्चा की मांग पर अड़ा रहा। इसे लेकर गुरुवार को उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उग्र रूप धारण कर लिया था। वहीं, आज कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। तिवारी ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव की स्थिति पर चर्चा की मांग की है। ध्यान रहे कि मूल कार्यक्रम के अनुसार, संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलना था। लेकिन क्रिसमस के कारण कई सदस्यों ने समय से पहले सत्र स्थगित करने का आग्रह किया था।
97% रही लोकसभा की कार्य उत्पादकता
शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कार्यवाही निर्धारित समय से छह दिन पहले सम्पन्न हुई जिसकी कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही तथा 13 बैठकों में 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है जिसकी शुरूआत 7 दिसंबर को हुई थी। उन्होंने बताया, 'इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जिनमें 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ। इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही।' उन्होंने बताया कि सत्र में नव निर्वाचित सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने शपथ ली। बहरहाल, लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई गई। इसके बाद बिरला ने सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
राज्यसभा में 64 घंटे 50 मिनट हुआ कामकाज
राज्यसभा की शीतकालीन सत्र की बैठक शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई और इस दौरान सदन में 102 प्रतिशत कामकाज हुआ। सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने पारंपरिक संबोधन में बताया कि इस दौरान 63 घंटे 20 मिनट का कामकाज निर्धारित था जबकि 64 घंटे 50 मिनट कामकाज हुआ। उन्होंने कहा कि इस दौरान सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा कर पारित किया गया और कई जरूरी मामलों पर सदन में चर्चा हुई।
लोकसभा और राज्यसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में चीन के साथ सीमाई संबंध पर चर्चा को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया है। इसी मुद्दे पर कांग्रेस सांद प्रमोद तिवारी ने भी राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीआई(एम) के सांसद जॉन ब्रिटास ने राज्यसभा में शून्यकाल का नोटिस दिया। उन्होंने आईआईटी और आईआईएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों में हिंदी भाषा को माध्यम बनाने संबंधी निर्देश पर चिंता जताई है। सीपीआई(एम) सांसद ने आधिकारिक भाषा पर संसदीय समिति की सिफारिश का हवाला देकर शून्यकाल का नोटिस दिया था।
विपक्ष ने बनाई थी रणनीति
कांग्रेस अध्यक्ष तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में गुरुवार को बैठक हुई थी। इसमें खरगे के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टीआर बालू, शिवसेना के संजय राउत और कुछ अन्य नेता शामिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वे चीन के साथ तनाव, महंगाई और अन्य मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगते रहेंगे। विपक्षी दल 7 दिसंबर से आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र में चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग लगातार कर रहे हैं। दोनों सदनों में कई सांसदों ने कार्यास्थगन प्रस्ताव के नोटिस भी दिए। इसी मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा की मांग करते हुए विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को संसद परिसर में पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की अगुवाई में प्रदर्शन भी किया था।