RBI गवर्नर Shaktikanta Das को मिला Governor of the Year का अवॉर्ड, Raghuram Rajan के बाद बने दूसरे गवर्नर
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को आज गवर्नर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। दास आरबीआई के गवर्नर 2018 में बने थे। यह अवॉर्ड लंदन में सेंट्रल बैंकिंग के द्वारा दिया गया है जो एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक शोध पत्रिका है।
भारतीयों के लिए आज गर्व का दिन है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को लंदन में सेंट्रल बैंकिंग ने साल 2023 के लिए 'गवर्नर ऑफ द ईयर' की उपाधि से सम्मानित किया है। सेंट्रल बैंकिंग एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक शोध पत्रिका है।
इस वजह से मिला अवॉर्ड
सेंट्रल बैंक ने शक्तिकांत दास को यह अवॉर्ड मुद्रास्फीति के प्रबंधन और कोविड महामारी और वैश्विक उथल-पुथल जैसे संकटों के दौरान भारत की बैंकिंग प्रणाली को कुशलता से संभालने के लिए दी है।
सेंट्रल बैंक ने कहा कि आरबीआई गवर्नर महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, और उन्होंने दुनिया के अग्रणी भुगतान नवाचारों के सुचारू प्रबंधन को सुनिश्चित किया है और मुश्किल समय में भारत का नेतृत्व किया है।
मार्च में की गई थी सिफारिश
सेंट्रल बैंक द्वारा गवर्नर का नाम मार्च 2023 में ही पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश की गई थी। वैश्विक उथल-पुथल और कठिन परिस्थितियों के दौरान केंद्रीय बैंक के उनके नेतृत्व के लिए उन्हें उपाधि से सम्मानित किया गया है।
उन्होंने भारत के रिजर्व बैंक और पूरी बैंकिंग प्रणाली को कोविड-19 महामारी, महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग कंपनियों, रूस-यूक्रेन युद्ध, आदि के दौरान प्रबंधित किया। शक्तिकांत दास ने कोविड महामारी और IL&FS संकट में भारत का नेतृत्व किया।
2018 में बने थे गवर्नर
शक्तिकांत दास ने 12 दिसंबर, 2018 को आरबीआई के गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था। उनकी नियुक्ति के महीनों पहले, भारत की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) तरलता की कमी की वजह से दिवालिया हो गई थी।
एनबीएफसी के डूबने की वजह से कई मध्यम आकार के बैंकों के व्यापार मॉडल में भारी कमियों का भी खुलासा हुआ था जो एनबीएफसी पर बहुत अधिक निर्भर थे। बाद में, पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक जैसे कई अन्य बैंक भी बंद हो गए थे।
रघुराम राजन को भी मिल चुका है अवार्ड
आपको बता दें कि शक्तिकांत दास से पहले साल 2015 में 'गवर्नर ऑफ द ईयर' का खिताब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को भी मिल चुका है।