शिवालयों से सड़कों तक... हर जगह बम-बम भोले! देखें सावन के पहले सोमवार की तस्वीरें
सावन का महीना देवाधिदेव भगवान शंकर और मां पार्वती को समर्पित है। आज सावन का पहला सोमवार है। सावन के महीने में भगवान् महादेव के भक्त कांवड़ियों के रूप में हरिद्वार से गंगा जल कांवड़ में भरकर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके करके अपने शहरों या गांवों के शिवालयों में चढ़ाते हैं।
भगवान शिव को प्रिय सावन माह शुरू हो गया है और आज सावन का पहला सोमवार है। देशभर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। दो साल बाद भक्त शिवालयों में भोलेनाथ की पूजा अर्जना कर सकेंगे। ऐसे में इस बार उत्साह काफी अधिक है। मंदिरों में भी श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए काफी तैयारियां की गईं हैं। कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेंसिंग रखने की अपील की गई है। वैसे तो हर सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है, लेकिन सावन के सभी सोमवार भोलेनाथ की विशेष पूजा के लिए महत्वपूर्ण माने गए हैं। देखें सावन के पहले सोमवार पर देशभर से क्या अपडेट है।
सावन का पहला सोमवार, मंदिरों में भक्ति की बयार
तमाम शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तिमय माहौल था। हर जगह भक्त जलाभिषेक के लिए लाइन में लगे दिखे।
पटना के शिवभक्तों का उत्साह देखिए
बिहार: सावन महीने के पहले सोमवार को पटना के महादेव मंदिर में भक्तों ने पूजा की।
चांदनी चौक के गौरी शंकर मंदिर में उमड़ी भीड़
दिल्ली: सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालु चांदनी चौक के गौरी शंकर मंदिर में दर्शन करने पहुंचे।
वीडियो: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती
गंगा में स्नान के बाद महादेव को नमन
उत्तर प्रदेश: सावन के पहले सोमवार के दिन श्रद्धालुओं ने वाराणसी की गंगा नदी में पवित्र स्नान किया।
देवघर में 'बम बम भोले' के उद्घोष से गूंजा आसमान
झारखंड: सावन महीने के पहले सोमवार पर देवघर में एक मंदिर में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। यहां कांवड़िये भी भारी संख्या में दिखे।
बिहार: सीवान के मंदिर में मची भगदड़
सावन की पहली सोमवारी पर सिसवन के बाबामहेन्द्र नाथ शिवमंदिर में जलाभिषेक के दौरान भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हो गई। हादसे में कई और श्रद्धालु घायल भी हुए हैं। उनका अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है। मृतकों में मुफस्सिल थाना के भंटापोखर की रखने वाली सोहगमती देवी और दूसरी महिला लीलावती देवी है। घटना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस मंदिर की व्यवस्था को संभालने में लग गई। दरअसल कोरोना काल में दो साल बाद बंद रहने (सावन में) के बाद पहले सोमवार को मंदिर में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है।