कौन हैं यह महिला, जिनके सम्मान में हाथ जोड़कर झुक गए पीएम मोदी, जानिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार को एक बुजुर्ग महिला ने मुलाकात की। इनके साथ मुलाकात की तस्वीरें प्रधानमंत्री ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर कीं। इन बुजुर्ग महिला की उम्र 90 साल की है। प्रधानमंत्री ने उन्हें झुककर प्रणाम किया। आप भी जरूर जानना चाहते होंगे कि आखिर यह महिला कौन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कुछ तस्वीरें शेयर कीं। इन्हें पीएम ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर किया। इन तस्वीरों में वो एक बुजुर्ग महिला के साथ दिख रहे हैं। पीएम उन्हें झुककर प्रणाम करते दिख रहे हैं। ममताभरे स्नेह के साथ उन्होंने पीएम के हाथों को पकड़ रखा है। आप जरूर सोच रहे होंगे कि आखिर इतना स्पेशल गेस्ट कौन है जिसे मोदी शीश नवाकर प्रणाम कर रहे हैं? वो प्रधानमंत्री से क्यों मिलने आई हैं? उन्हें पीएम के साथ क्या काम पड़ गया? अब आपका और इम्तिहान नहीं लेंगे। पीएम मोदी के साथ तस्वीर में जो महिला आपको दिख रही हैं उनका नाम है उमा सचदेव (Uma Suchdeva)। वह 90 साल की हैं। प्रधानमंत्री ने तस्वीरें शेयर करते हुए उन्हें जोश और आशावाद की भावना से भरा बताया। इतनी उम्र होने के बावजूद वह पूरे उत्साह और उमंग के साथ प्रधानमंत्री से मिलीं। उमा के पति कर्नल (रिटायर्ड) एचके सचदेव सेना के सम्मानित अधिकारी थे। वह पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक (Ved Prakash Malik) की चाची हैं।
पीएम ने मुलाकात को बताया यादगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उमा सचदेव के साथ मुलाकात को यादगार बताया। उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में भी वह जोश और आशावाद से भरी हुई हैं। इस मुलाकात के दौरान उमा जी ने प्रधानमंत्री मोदी को 3 पुस्तकें दीं। ये उनके दिवंगत पति एचके सचदेव की लिखी हैं। इनमें से दो गीता से संबंधित हैं। वहीं, एक का शीर्षक है 'ब्लड एंड टियर्स'। इसमें एचके सचदेव ने पार्टिशन के दौरान अपने अनुभवों के बारे में बताया है।
कई मसलों पर हुई बातचीत
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस दौरान उन्होंने उमा जी के साथ कई मसलों पर बात की। 14 अगस्त को विभाजन त्रासदी स्मृति दिवस के तौर पर मनाने के सरकार के फैसले के बारे में भी बातचीत हुई। इसे बंटवारे के दौरान अपना सबकुछ गंवाकर देश की प्रगति में योगदान देने वालों की याद में मनाया जाता है। वो धैर्य का प्रतीक हैं।
उमा सचदेव पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक की चाची हैं। मलिक 19वें सेना प्रमुख थे। उनका कार्यकाल 30 सितंबर 1997 से 30 सितंबर 2000 तक रहा था। वह कारगिल युद्ध के दौरान आर्मी चीफ थे। उन्होंने कारगिल युद्ध पर एक किताब भी लिखी। इसका शीर्षक था - 'कारगिल: फ्रॉम सरप्राइज टू विक्टरी'। मलिक ने 'इंडियाज मिलिट्री कॉन्फ्लिक्ट्स एंड डिप्लोमेसी: इनसाइड व्यू ऑफ डिसीजन मेकिंग' नाम की किताब भी लिखी है।