पहली बार हिंदी उपन्यास को मिला बुकर पुरस्कार, गीतांजलि श्री के 'रेत समाधी' को मिला सम्मान
'रेत समाधि' प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला किसी भी भारतीय भाषा का पहला उपन्यास बन गया है. उनके उपन्यास को डेजी रॉकवेल ने अंग्रेज़ी में अनूदित किया है.
लेखिका गीतांजलि श्री के हिन्दी उपन्यास 'रेत समाधि' (Tomb of Sand) को अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज़ मिला है. 'रेत समाधि' प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला किसी भी भारतीय भाषा का पहला उपन्यास बन गया है. उनके उपन्यास को डेजी रॉकवेल ने अंग्रेज़ी में अनूदित किया है. यह 50,000 पाउंड के पुरस्कार के लिए चुने जाने वाला पहला हिन्दी भाषा का उपन्यास है. यह विश्व की उन 13 पुस्तकों में शामिल था, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए लिस्ट में शामिल किया गया था.
बुकर प्राइज ने एक ट्वीट में कहा, "गीतांजलि श्री और @shreedaisy को बधाई”. बंगाली लेखक अरुणावा सिन्हा ने ट्वीट किया कि "यस! अनुवादक डेज़ी रॉकवेल और लेखक गीतांजलि श्री ने 'रेत समाधि' के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर जीता. एक हिन्दी उपन्यास, एक भारतीय उपन्यास, एक दक्षिण एशियाई उपन्यास के लिए पहली जीत... बधाई!"
गीतांजलि श्री कई लघुकथाओं और उपन्यासों की लेखिका हैं. उनके 2000 के उपन्यास 'माई' को 2001 में क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड के लिए चुना गया था. उन्होंने 50,000 पौंड का अपना पुरस्कार लिया और पुस्तक के अंग्रेजी अनुवादक, डेजी रॉकवेल के साथ इसे साझा किया.
कौन हैं गीतांजलि श्री
गीतांजलि श्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ताल्लुक रखती हैं. श्री तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह की लेखिका हैं. उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है. दिल्ली में रहने वाली 64 वर्षीय लेखिका श्री की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं जो अमेरिका में रहती हैं. उन्होंने हिंदी और उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद किया है.
क्या है बुकर प्राइज
यह पुरस्कार हर साल अंग्रेजी में लिखे गए और UK या आयरलैंड में प्रकाशित होने वाले सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के लिए दिया जाता है. 2022 के पुरस्कार के लिए चयनित पुस्तक की घोषणा सात अप्रैल को लंदन बुक फेयर में की गई थी. जबकि विजेता का ऐलान अब किया गया है.