महेंद्र सिंह धोनी जिताऊ चौका इग्नोर कर नीचे रखे पैड हटा रहे थे, ये माही का अंदाज है
आखिरी बॉल पर जब एक ओर जहां हर कोई रविंद्र जडेजा पर नजरें गड़ाए हुए था तो धोनी किसी और ही दुनिया में थे। वह शॉट देखने से खुद को रोक रहे थे। जब जडेजा विनिंग शॉट खेल रहे थे तो धोनी पैड हटा रहे थे।
किसकी जीत कहें। खचाखच भरे नरेंद्र मोदी स्टेडियम में बैठे हजारों 7 नंबर की जर्सी पहले माही की, जो पागलों की तरह खुशी में झूम रहे थे या उस असली माही की, जिसकी आंखों में पहली बार आंसू थे। शानदार क्रिकेट करियर में तमाक खुशी के पल जीने वाले धोनी के चेहरे पर पहली बार कोई भाव था। या उस रविंद्र जडेजा की, जिसने आखिरी गेंद पर चौका जड़ते हुए दो गेंद पहले मुस्कुराते दिखने वाले गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पंड्या और उनके चाहने वालों के दिलों के करोड़ों टुकड़े कर दिए।
आईपीएल 2023 का फाइनल भी गजब लेवल पर खेला गया। CSK के लिए लंबे समय तक धोनी की कप्तानी में खेलने वाले मोहित शर्मा ने अपने पूर्व कप्तान को जीरो पर आउट किया तो स्टेडियम में बैठे हजारों फैंस निराशा में डूब गए। यह भी कमाल की बात रही कि वह ही आखिरी ओवर करने आए, जहां चेन्नई को जीत के लिए 13 रनों की जरूरत थी।
शुरुआती 4 गेंदों पर 3 रन बने। फिर जडेजा ने छक्का उड़ाया तो जीत के लिए आखिरी गेंद पर 4 रनों की जरूरत थी। हर किसी की नजरें रविंद्र जडेजा पर थीं। मोहित शर्मा ने यॉर्कर से शिवम दुबे और रविंद्र जडेजा की नाक में दम कर रखा था। लग रहा था कि वह 4 रन बचाने में कामयाब हो जाएंगे। फैंस हाथ जोड़े भगवान से अपनी-अपनी टीम के जीतने की कामना कर रहे थे। सीमा रेखा के पास खड़े हार्दिक पंड्या के चेहरे पर कुटिल मुस्कुराहट थी तो धोनी किसी और ही यूनिवर्स में थे। हार्दिक को इसका पूरा भरोसा था कि मोहित, जडेजा को फंसाने में कामयाब हो जाएंगे।
इधर मोहित शर्मा गेंद फेंकने के लिए लंबा-लंबा डग भरते हुए अंपायर की ओर आगे बढ़े तो धोनी नीचे रखे पैड हटाने लगे। वह आखिरी गेंद को इग्नोर कर रहे थे, ठीक वैसे ही जैसे वानखेड़े स्टेडियम में वनडे वर्ल्ड कप 2011 के खिताबी मुकाबले में सचिन तेंदुलकर एमएस धोनी का विनिंग शॉट देखने से चूक गए थे। वह ड्रेसिंग रूम में बैठे हुए थे और उन्हें लग रहा था कि अगर अपनी जगह से उठे तो विकेट गिर जाएगा। वह सुपरस्टिशन को फॉलो कर रहे थे। यहां धोनी के मन में क्या चल रहा था यह तो वही बता सकते हैं, लेकिन जब जडेजा ने विनिंग शॉट खेला तो उनकी आंखों में आंसू थे।
रविंद्र जडेजा जैसे ही उनके पास पहुंचे धोनी ने गोद में उठा लिया। मैच के बाद उन्होंने यह स्वीकार किया कि उनकी आंखों में आंसू थे। खैर, जडेजा ने वह कर दिखाया था, जिसकी शायद ही किसी को उम्मीद थी। 5वीं गेंद पर छक्का और फिर चौका जड़ते हुए गुजरात टाइटंस और उनके चाहने वालों को आंसुओं में डुबो दिया था। दूसरी ओर, चेन्नई का जश्न देखते बन रहा था। धोनी निशब्द थे। वह जीत से अभिभूत थे। लेकिन धोनी तो धोनी ही ठहरे। उन्होंने आखिरी मोमेंट पर खुद को संभाल लिया और अपनी भावनाओं को छुपा लिया।