गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी - डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का किया ऐलान
आजाद ने कहा कि मैं यहां पर नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिलने लिए आया हूं। पार्टी लांच करने से पहले सोमवार को मीडिया को आमंत्रित करूंगा। उनके करीबियों के अनुसार नाम व झंडा फाइनल हो चुका है। जल्द ही इसका एक दो दिन में खुलासा हो जाएंगा।
गुलाम नबी आजाद की नई पार्टी का नाम व झंडा फाइनल हो चुका है। आजाद आज पहले नवरात्र पर पार्टी के नाम का एलान कर सकते हैं। इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई है। आजाद गत रविवार सुबह जम्मू कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे।
जम्मू हवाई अड्डे से आजाद सीधे गांधी नगर स्थित अपने आवास पहुंचे। अपने आवास के बाहर पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में आजाद ने कहा कि मैं यहां पर नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिलने लिए आया हूं। पार्टी लांच करने से पहले सोमवार को मीडिया को आमंत्रित करूंगा। उनके करीबियों के अनुसार नाम व झंडा फाइनल हो चुका है। जल्द ही इसका एक दो दिन में खुलासा हो जाएंगा। सूत्रों ने बताया कि आजाद की आज पहले नवरात्र पर पार्टी के नाम की घोषणा करने की तैयारी है।
आजाद के आवास पर दिन भर बैठकों का दौर चला। इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, डा. मनोहर लाल शर्मा, जीएम सरूरी, अब्दुल मजीद वानी, बलवान सिंह, गौरव चोपड़ा, जुगल किशोर आदि शामिल हुए। इस दौरान पार्टी के नाम पर चर्चा की गई। जम्मू का दो दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद आजाद 27 सितंबर को श्रीनगर का रुख करेंगे। वह दो दिन तक कश्मीर में पार्टी नेताओं से बैठकें करेंगे।
आजाद को जम्मू कश्मीर से पंद्रह हजार से अधिक लोगों ने पार्टी के नाम के सुझाव दिए थे। हालांकि वह पार्टी के नाम पर दिल्ली में विचार विमर्श कर चुके हैं लेकिन फाइनल करने के लिए उन्होंने जम्मू कश्मीर के नेताओं से भी विस्तार से चर्चा की। सितंबर माह में गुलाम नबी आजाद का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले कांग्रेस छाेड़ने के बाद चार सितंबर को जम्मू कश्मीर आए थे। रैलियां की और चार सौ से अधिक प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की थी।
पार्टी का एजेंडा स्पष्ट किया लेकिन पार्टी के नाम का फैसला नहीं हो पाया था। आजाद अनुच्छेद 370 पर अपनी राय को स्पष्ट कर चुके है कि यह अनुच्छेद फिर से वापिस नहीं आ सकता क्योंकि इसके लिए संसद में दो तिहाई बहुमत चाहिए। वह कह चुके है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां व भूमि के अधिकार सुरक्षित करने के लिए संघर्ष करेंगे।
वह महिलाओं के सम्मान, कश्मीरी विस्थापितों के पुनर्वास करने, हर क्षेत्र के बराबर विकास करने पर काम करेंगे। आजाद के समर्थन में कांग्रेस के अधिकतर नेता पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।