BJP में जाने पर अब कमलनाथ परिवार का इनकार, क्या विजयवर्गीय ने रोकी कमलनाथ की राह...
कहा ये भी जा रहा है कि कमलनाथ के इस समय भाजपा में आने से भाजपा को कोई बड़ा फायदा होता नहीं दिख रहा, वहीं पार्टी के ही कई नेता कमलनाथ को लेकर साफ कह चुके हैं कि उनके लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों को अब विराम लगता दिख रहा है। खुद कमलनाथ ने सामने आकर भाजपा में नहीं जाने की बात कही है। इसे लेकर वे कुछ देर में मीडिया से विस्तार से बात करेंगे। लेकिन इधर माना जा रहा है कि भाजपा के एक धड़े के विरोध के बाद कमलनाथ की भाजपा में एंट्री नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि कई दिनों से चर्चा है कि कमलनाथ अपने बेटे के साथ भाजपा में जाएंगे। उनके छिंदवाड़ा के दौरे रद्द कर अचानक दिल्ली पहुंचना, मीडिया से बातचीत में न इनकार, न इकरार वाली स्थिति होने से अटकलों को और बल मिलता रहा। कहा ये भी जा रहा है कि कमलनाथ के इस समय भाजपा में आने से भाजपा को कोई बड़ा फायदा होता नहीं दिख रहा, वहीं पार्टी के ही कई नेता कमलनाथ को लेकर साफ कह चुके हैं कि उनके लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं। भाजपा के पूर्व महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बार-बार कमलनाथ के भाजपा में आने का विरोध करते देखे गए।
क्या कहा विजयवर्गीय ने
भाजपा नेता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर कहा था कि मध्य प्रदेश भाजपा में उनके लिए कोई जगह नहीं है। प्रदेश भाजपा में उनके लिए दरवाजे बंद हैं। अगर केंद्रीय नेतृत्व चाहे तो कमलनाथ को पार्टी में शामिल कर सकता है, लेकिन मध्य प्रदेश भाजपा का निर्णय साफ है कि कमलनाथ के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसा नहीं है कि विजयवर्गीय ने ऐसा पहली बार कहा। दो हफ्ते पहले भी कैलाश ने कहा था कि कमलनाथ के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं। तंज कसते हुए कहा था कि कोई बाजार में जाएगा तो ताजे फल खरीदेगा, बासे फल कौन खरीदता है। भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा भी कमलनाथ के भाजपा में आने की बात पर नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि देश के अंदर साल 1984 में जो सिखों का नरसंहार हुआ था. उस नरसंहार के अंदर कमलनाथ एक मुख्य आरोपी है. उन्होंने कहा है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी कमलनाथ के लिए भाजपा में कोई जगह नहीं है।
एक धड़े ने नहीं किया कमलनाथ को इनकार
बताते चलें कि प्रदेश भाजपा के कई नेताओं से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कमलनाथ के भाजपा में आने पर स्वागत करने की बात कही थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बयान में कहा था कि कोई भाजपा में आना चाहता है तो उसका स्वागत है, वहीं पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तो खुद कमलनाथ को भाजपा में शामिल हो जाने का न्योता दिया था। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी कहा था कि कमलनाथ भाजपा में आएंगे या नहीं, इसका निर्णय तो वे ही लेंगे लेकिन हमारे दरवाजे हर उस व्यक्ति के लिए खुले हैं जो देश का विकास और तरक्की चाहता है। इस अभियान का हिस्सा बनना चाहता है।
क्यों चली थी बात भाजपा में जाने की
बताते चलें कि कमलनाथ कांग्रेस के बड़े नेता हैं। लगभग छह दशक से वे कांग्रेस में हैं। कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं। पिछले दो बार से छिंदवाड़ा से विधायक हैं। उनके बेटे नकुलनाथ इस समय छिंदवाड़ा से सांसद हैं। कमलनाथ दिसंबर 2018 और मार्च 2020 के बीच मुख्यमंत्री रहे। वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। हाल ही उनकी जगह प्रदेश की कमान जीतू पटवारी को सौंपी गई है। नाथ ने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है। 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना तीसरा पुत्र बताया था। कहा जा रहा है कि नाथ राज्यसभा सीट नहीं मिलने से असंतुष्ट हैं और समझा जाता है कि राहुल गांधी उनसे नाराज हैं, क्योंकि कांग्रेस को पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।