कानपुर: बिहार से बुलाकर युवक का किया अपहरण, चलती वैन में रातभर पीटा
नौकरी दिलाने के बहाने बिहार के युवक को घंटाघर में बुलाकर परिचित समेत छह लोगों ने वैन से अपहरण कर लिया। बुधवार दोपहर से लेकर रात तक उसे वैन में घुमाकर पीटते रहे। इस दौरान अपहर्ताओं ने युवक का मोबाइल छीन लिया और गूगल पे के जरिये तीन हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। युवक की मां से भी फोन कर तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी गई।
नौकरी दिलाने के बहाने बिहार के युवक को घंटाघर में बुलाकर परिचित समेत छह लोगों ने वैन से अपहरण कर लिया। बुधवार दोपहर से लेकर रात तक उसे वैन में घुमाकर पीटते रहे। इस दौरान अपहर्ताओं ने युवक का मोबाइल छीन लिया और गूगल पे के जरिये तीन हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।
युवक की मां से भी फोन कर तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। इस बीच, पीड़ित का मोबाइल गायब हो जाने पर गुरुवार सुबह तीन अपहर्ता उसे किदवई नगर स्थित एक टेलीकाम कंपनी के आउटलेट पर सिमकार्ड खरीदने पहुंचे। यहां पीड़ित लघुशंका करने का झांसा देकर भाग निकला और टीएसआइ से गुहार लगाई। इसके बाद एक आरोपित दबोचा गया, जबकि उसके साथी भाग निकले।
मौके से पुलिस का स्टिकर लगी वैन भी बरामद हुई। पीड़ित ने दो नामजद और कुछ अन्य अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया है। बिहार के अररिया जिले के ओमनगर निवासी 25 वर्षीय गजेंद्र पटेल ने बताया कि परिवार में मां रामवती, भाई प्रमोद पटेल, विनीत पटेल, बहन धायत्री हैं। भाई प्रमोद प्रयागराज में वायुसेना में तैनात हैं।
गजेंद्र के मुताबिक, उन्हें काम की तलाश थी तो उनके दोस्त ने कानपुर के पम्मी नाम के युवक का मोबाइल नंबर दिया। झकरकटी के पास रहने वाले पम्मी से बात हुई तो उसने घंटाघर के पास एक होटल में काम दिलाने का वादा किया और बिहार से कानपुर बुला लिया।
गजेंद्र ने पम्मी पर भरोसा कर लिया और बुधवार सुबह करीब आठ बजे वह घंटाघर सेंट्रल स्टेशन पहुंच गए। उनके साथ ताऊ कृष्णनंदन भी थे। यहां पहुंचकर गजेंद्र ने पम्मी को फोन किया तो वह स्टेशन पहुंचा और टेंपो पार्किंग स्टैंड पर ले गया। वहां पहले से एक ओमनी वैन खड़ी थी, जिससे दो-तीन लोग उतरे और गजेंद्र को जबरन अंदर बैठाकर अपने साथ ले गए।
वैन में चालक समेत छह लोग थे। सभी ने गजेंद्र को मारापीटा और तीन लाख रुपये न देने पर जान से मारने की धमकी दी। साथ ही आरोपितों ने गजेंद्र के मोबाइल से तीन हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर किए और पर्स से 750 रुपये निकाल लिए। इसके बाद गजेंद्र को लेकर आरोपित शहरभर में घुमाते रहे।
बुधवार शाम को गजेंद्र की मां को फोन कराकर तीन लाख रुपये मंगवाए। मां ने असमर्थता जताई तो एक लाख रुपये में ही मान गए। हालांकि, मां ने रुपये देने से मना कर दिया तो आरोपित भड़क गए और रातभर चलती वैन में गजेंद्र को पीटते रहे।
सुबह पम्मी ने फिर आनलाइन रुपये ट्रांसफर करने के लिए गजेंद्र का मोबाइल मांगा तो पता चला कि वह कहीं गिर गया है। इस पर गजेंद्र के नाम का नया सिमकार्ड निकलवाने के लिए पम्मी, चालक व एक अन्य युवक उसे लेकर किदवई नगर साइट नंबर वन के पास पहुंचे। यहां टेलीकाम का आउटलेट बंद था। इस बीच, गजेंद्र ने लघुशंका की बात कही तो पम्मी उसके साथ सड़क किनारे पहुंचा। यहां पम्मी को धक्का देकर गजेंद्र भाग निकला और टीएसआइ परवेज अली के पास पहुंच गया।
उन्हें पूरी आपबीती बताई, जिसके बाद टीएसआइ अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे तो पम्मी व एक अन्य आरोपित भाग निकले, लेकिन चालक पकड़ लिया गया। उसने अपना नाम अहिरवां के राजा मार्केट निवासी सूर्य कुमार सोनी उर्फ मुन्ना बताया।
तो इसलिए किया था अपहरण
पुलिस के अनुसार, पकड़ा गया आरोपित सूर्य कुमार सोनी वैन चालक है। उसने बताया कि रक्षाबंधन से कुछ दिन पहले गजेंद्र ने उसकी वैन बिहार जाने के लिए बुक कराई थी। वह बिहार में अपने घर जाने से पहले भी काफी इधर-उधर वैन घुमवाता रहा।
करीब 18 हजार रुपये भाड़े के उसने नहीं दिए और घर पहुंचकर भगा दिया। इस बीच, उसे पता चला कि उसके ही दोस्त पम्मी से वह काम मांग रहा है। इस पर उसने पम्मी से अपने रुपये वसूलने की बात कही और उसे शहर बुलवा लिया। यहां आने के बाद उसे बंधक बनाकर पीटा और रुपये वसूलने के लिए घरवालों को फोन कराया, पर रुपये नहीं मिले।
मां बोली- सबकुछ बर्बाद कर दिया
अब कहां से दें तीन लाख गजेंद्र की मां रामवती ने बताया कि बुधवार शाम करीब सात बजे उनके पास फोन आया। एक लड़के ने कहा कि गजेंद्र का अपहरण कर लिया गया है। अगर उसे छुड़ाना है तो तीन लाख रुपये भिजवाओ, उसके खाते में।
इस पर उन्होंने कहा कि बेटे को सात लाख रुपये लगवाकर दुकान खुलवाई थी। वह तो उसने बर्बाद कर दिया। पति सरकारी डाक्टर थे। छह-सात पहले उनका निधन हो गया था। उनकी पेंशन से घर चल रहा है। बेटे पत्नी-बच्चों संग बेंगलुरु और प्रयागराज में रहते हैं। अब रुपये कहां से लाएं। इस पर अपहर्ता ने कहा कि एक लाख ही दे दो लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
पूछताछ में सामने आया है कि गजेंद्र ने कुछ माह पहले आरोपित की वैन 18 हजार में बुक कराकर बिहार अपने घर गया था, लेकिन रुपये नहीं दिए थे। इस पर वैन चालक ने साथियों संग रुपये वसूलने के लिए उसे बहाने से बुलाया और घटना को अंजाम दिया है। मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। -अमरनाथ यादव, एसीपी बाबूपुरवा