कानपुर: सोसायटी के अध्यक्ष ने 42 बच्चों को 5 घंटे तक बनाए रखा बंधक, पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद छुड़वाया
कानपुर (नौबस्ता) में शुक्रवार को सुभाष चिल्ड्रेन सोसायटी के अध्यक्ष ने 42 बच्चों को 5 घंटे से ज्यादा वक्त तक बंधक बनाए रखा।
कानपुर (नौबस्ता) में शुक्रवार को सुभाष चिल्ड्रेन सोसायटी के अध्यक्ष ने 42 बच्चों को 5 घंटे से ज्यादा वक्त तक बंधक बनाए रखा। अनियमितताओं के चलते सोसाइटी का लाइसेंस 5 मई को रद कर दिया गया था। जिसके बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी टीम के साथ बच्चों को शिफ्ट करने के लिए चिल्ड्रेन होम गई थी। जहां करीब 5 घंटे तक गेट ही नहीं खोला। इस पर समाज कल्याण अधिकारी ने थाने में तहरीर दी है। ये घटना नौबस्ता की है।
काफी मशक्कत के बाद खोला गेट
जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह ने बताया कि दोपहर तक गेट नहीं खोला गया। पुलिस भी गेट खोलने को लेकर लगातार दबाव बनाती रही। इसके बाद भी गेट नहीं खोला गया। इस पर नौबस्ता थाने में सरकारी काम में बाधा डालने के लिए तहरीर दी गई है। हालांकि काफी मशक्कत के बाद अध्यक्ष कमलकांत तिवारी ने गेट खोला, जिसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की गई।
सुबह 9 बजे टीम पुलिस के साथ टीम आ गई थी
प्रोबेशन अधिकारी रागिनी पांडेय ने बताया कि चिल्ड्रेन होम में 14 बच्चे एडॉप्शन और 28 बच्चे निराश्रित हैं। सुबह 9 बजे टीम पुलिस के साथ टीम आ गई थी। काफी मशक्कत के बाद दोपहर करीब ढाई बजे सोसाइटी का गेट खोला है। गेट खोलने के बाद ही बच्चों को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को शुरू किया गया है।
चिल्ड्रेन होम में 42 बच्चे मौजूद थे
डीपीओ ने बताया कि संस्था में 10 वर्ष से कम उम्र के 42 लावारिस बच्चे मौजूद हैं। सभी को लखनऊ शिफ्ट किया जाना है। सोसायटी के अध्यक्ष ने पुलिस कमिश्नर को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया कि 80 सीपीसी का नोटिस न मानने, कोर्ट की अवहेलना करने कर बच्चों को स्थनांतरित करने के आदेश दिए गए हैं।
इसलिए रद की गई थी मान्यता
सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी के खिलाफ महिला कल्याण निदेशालय में कई शिकायतें की गई थीं। वहीं, सोसायटी सरकार से मिलने वाले अनुदान का ब्योरा भी नहीं दे पाई थी। इसके साथ ही अप्रैल 2019 से आवासित बच्चों का विवरण भी नहीं दिया जा सका था। इन्हीं सब खामियों के चलते जांच के बाद सुभाष चिल्ड्रेन सोसायटी की मान्यता 5 मई को रद कर दी गई थी।