खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत पंजवड़ की पाकिस्तान में हत्या बाइक सवारों ने सोसाइटी में घुसकर मारीं गोलियां
खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) का चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ 30 जून 1999 में चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास बम ब्लास्ट का आरोपी था। भारत सरकार की आतंकी लिस्ट में उसका नाम था।
आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की शनिवार को लाहौर में हत्या कर दी गई। उसे जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर गोलियां मारी गईं। पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वह 1990 से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था। वह यहां मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था। परमजीत पंजवड़ पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई का सबसे खास माना जाता था। वह पंजाब में लगातार आतंक को जिंदा करने का प्रयास कर रहा था। पंजवड़ अमृतसर का रहने वाला था और कई दशकों से पाकिस्तान में शरण लिए बैठा था।
पंजाब में 57 वर्षीय परमजीत पंजवड़ पर देशद्रोह, हत्या, साजिश, हथियारों की तस्करी व आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के मामले दर्ज हैं। पंजवड़ पूर्व सेना प्रमुख जनरल एएस वैद्य की हत्या और लुधियाना में देश की सबसे बड़ी बैंक डकैती के मामले में भी वांछित रह चुका है।
केंद्र की आतंकियों की लिस्ट में पंजवड़ का नाम
परमजीत सिंह पंजवड़ का जन्म 21 अप्रैल 1960 को पंजाब में तरनतारन जिले में झब्बाल थाने के तहत आते पंजवार गांव में रहने वाले कश्मीर सिंह के घर हुआ। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में नौ आतंकियों की लिस्ट जारी की थी जिसमें परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम आठवें नंबर पर था। इस लिस्ट में उसके अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के चीफ वधावा सिंह बब्बर का नाम भी था जो तरनतारन में ही दासूवाल गांव का रहने वाला है।
पंजाब में ड्रोन के जरिये भेजता था नशीली दवाएं और हथियार
परमजीत सिंह पंजवड़ पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पंजाब में ड्रग और हथियारों की तस्करी में शामिल था। इससे मिलने वाले पैसे से ही उसने खालिस्तान कमांडो फोर्स को एक्टिव रखा। परमजीत पंजाब में आतंकवाद के दौरान 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के साथ खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) में शामिल हो गया था। उससे पहले वह पंजाब के ही सोहल में कोऑपरेटिव बैंक में काम करता था। भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों लाभ सिंह के खात्मे के बाद, 1990 के दशक में पंजवड़ ने KCF की कमान संभाली और पाकिस्तान भाग गया। पाकिस्तान में उसे शरण मिल गई। पाकिस्तानी सरकार पंजवड़ के उनके यहां होने से इनकार करती रही। परमजीत की पत्नी और बच्चे जर्मनी में रहते हैं।
2020 में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू का कत्ल कराया
अक्टूबर 2020 में पंजाब के तरनतारन में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू का कत्ल कर दिया गया था। इसके पीछे परमजीत सिंह ही था। बलविंदर सिंह संधू ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। पंजवड़ उसी समय से बलविंदर सिंह की हत्या की साजिश रच रहा था।
1999 में करवा चुका चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट
खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ ने 30 जून 1999 में चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास बम ब्लास्ट कराया था। इस धमाके में 4 लोग जख्मी हो गए थे, जबकि कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। धमाके के लिए स्कूटर की डिग्गी में बम रखा गया था। स्कूटर पर पानीपत (हरियाणा) का नंबर लगा हुआ था। पुलिस ने तब स्कूटर मालिक शेर सिंह को पानीपत से गिरफ्तार कर लिया था।