केरला: 'एर्नाकुलम जंक्शन' रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग, कोच्चि नगर निगम ने पारित किया प्रस्ताव
कोच्चि नगर निगम ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें मांग की गई है कि एर्नाकुलम जंक्शन रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर राजा राम वर्मा किया जाएगा। राजा राम वर्मा कोचीन के राजा थे।
वाम शासित कोच्चि नगर निगम ने रेलवे स्टेशन 'एर्नाकुलम जंक्शन' का नाम बदलकर राजा राम वर्मा के नाम पर रखने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। वर्मा कोचीन के पूर्व शासक थे। नगर निगम परिषद की सोमवार को बैठक हुई, जिसमें रेल मंत्रालय से स्टेशन का नाम बदलने का अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
मेयर अनिल कुमार ने मीडिया को बताया कि 1902 में कोचीन के तत्कालीन महाराजा राम वर्मा 15वें ने कोच्चि तक रेलवे लाइन लाने की पहल की थी। कुमार ने कहा, 'कोचीन के तत्कालीन राजा ने शोरनूर से कोच्चि तक पहली रेलवे लाइन के लिए धन जुटाने के वास्ते अपने कुल देवता के 14 सोने के सिक्के बेचे थे।'
भाजपा पार्षद सुधा दिलीप ने कहा कि वर्तमान में रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण चल रहा है और जब तक यह पूरा नहीं हो जाता, तब तक स्टेशन का नाम बदलकर पूर्ववर्ती शासक के सम्मान में कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिषद के फैसले के बारे में राज्य सरकार, केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय को सूचित किया जाएगा और सभी उम्मीद कर रहे हैं कि मंत्रालय उनके अनुरोध को स्वीकार करेगा।
पहली यात्री ट्रेन छह जुलाई, 1902 को नवनिर्मित शोरानूर-कोचीन रेलवे लाइन पर कोच्चि के लिए रवाना हुई थी।कोच्चि नगर निगम द्वारा पहले प्रकाशित एक स्मारिका के अनुसार, राजा राम वर्मा ने यहां त्रिपुनिथुरा में प्रसिद्ध श्री पूर्णनाथरायसा मंदिर में रखे महल के जंबो की 15 सोने की टोपियों में से 14 को बेचकर पर्याप्त धन जुटाया था।
इससे पहले प्रख्यात इतिहासकार एमजी शशिभूषण ने भी बताया था कि राजा राम वर्मा 15वें ने यात्रियों के परिवहन के लिए निर्मित चलाकुडी वन ट्रामवे का मार्ग भी प्रशस्त किया था। उन्होंने बताया कि वह चलाकुडी शहर के वास्तुकार भी थे।