Lakhimpur Kheri Violence: किसानों और प्रशासन के बीच हुई वार्ता सफल। मृतकों के परिजनों को 45 लाख और घायलों को 10 लाख का मुआवजा
लखीमपुर खीरी में हिंसक झड़प के बाद प्रदर्शनकारी किसानों के साथ प्रशासन ने बातचीत की है, और अब आखिरी फैसला आ गया है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों और घायलों को मुआवजा के साथ नौकरी का आश्वासन।
लखीमपुर खीरी में हिंसक झड़प के बाद लगातार माहौल गरमाया हुआ है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार घटना के बाद मामले को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ प्रशासन ने बातचीत की है, जो सफल रही है। किसान नेताओं और प्रशासन के बीच लगभग मांगों पर वार्ता हो चुकी हैं और अब आखिरी फैसला आ गया है। प्रशासन की ओर से किसानों को मामले की न्यायिक जांच, पीड़ित परिवारों और घायलों को मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी का आश्वासन दिया गया है।
45-45 लाख रुपये के साथ सरकारी नौकरी आश्वासन
किसानों के साथ मीटिंग में प्रशासन ने मृतकों के परिजनों 45-45 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा हिंसक झड़प के दौरान घायल लोगों को 10-10 लाख मुआवजा मिलेगा। मरने वाले लोगों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में मामले की जांच होगी। साथ ही प्रशासन ने किसानों को 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का भी भरोसा दिलाया है।
किसानों के मांगों पर प्रशासन का आश्वासन
- मृतकों के परिजनों 45-45 लाख मुआवजा।
- परिवार के एक सदस्य को नौकरी। घायलों को 10-10 लाख का मुआवजा।
- 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा।
- HC के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के बीच रविवार को हिंसक टकराव हो गया। लखीमपुर के तिकुनियां कस्बे में हुए बवाल के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की दो गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी। मंत्री के बेटे ने खेतों में भागकर जान बचाई, लेकिन इस दौरान हुई पिटाई से चालक की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई. हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
बवाल के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत के दिल्ली से कूच करने की सूचना के बाद किसानों ने कस्बे के इंटर कॉलेज में मृत किसानों के शव रखकर धरना शुरू कर दिया। देर रात तक आसपास के जिलों से भी हजारों की संख्या में किसान धरनास्थल पर पहुंच गए। किसान नेताओं ने कहा कि मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी होने तक वे वहीं डटे रहेंगे। शासन ने लखनऊ से पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर भेज दिए। वहीं देर शाम जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। वहीं, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का कहना है कि हंगामे के दौरान चालक को पत्थर लगने से गाड़ी अनियंत्रित होकर किसानों पर चढ़ने से हादसा हुआ। इसके बाद हुए हिंसक झड़प में भाजपा के तीन कार्यकर्ता समेत हमारे ड्राइवर की मौत हुई है। वहीं बेटे आशीष मिश्र का कहना है कि वह खुद गाड़ी में नहीं थे। उनके कार्यकर्ता तीन वाहनों से उप-मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए जा रहे थे।
ये वो 8 लोग हैं, जिनकी लखीमपुर घटना में जान गई
- रमन कश्यप ( स्थानीय पत्रकार)
- दलजीत सिंह (32) पुत्र हरजीत सिंह- नापपारा, बहराइच (किसान)
- गुरविंदर सिंह (20) पुत्र सत्यवीर सिंह- नानपारा, बहराइच (किसान)
- लवप्रीत सिंह (20) पुत्र सतनाम सिंह- चौखडा फार्म मझगईं (किसान)
- छत्र सिंह पुत्र अज्ञात (किसान)
- शुभम मिश्र पुत्र विजय कुमार मिश्र, (बीजेपी नेता)
- हरिओम मिश्र पुत्र परसेहरा, फरधान (अजय मिश्रा का ड्राइवर)
- श्यामसुंदर पुत्र बालक राम सिंघहा, कलां सिंगाही (बीजेपी कार्यकर्ता)
इस हिंसा के बाद हालात न बिगड़ें, इसे ध्यान में रखते हुए इंटरनेट बंद कर दिया गया। वहीं, केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ तिकुनिया थाने में केस दर्ज करवाया गया है।