आगरा: राधास्वामी सत्संग सभा ने जहां गेट लगाए हैं वो जमीन सरकारी अभिलेखों में सार्वजनिक; शासन को भेजी गई रिपोर्ट
दयालबाग में जगनपुर के खसरा नंबर 309, 320, खासपुर के 105, 252, 256 पर रास्ता दर्ज है। यहां पर राधास्वामी सत्संग सभा ने दोबारा गेट लगा दिए हैं। ये रिपोर्ट शासन के पास आगरा जिला प्रशासन ने भेजी है।
आगरा के मौजा जगनपुर और खासपुर में राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग ने प्रशासन के तोड़ने के बाद जिन सड़कों पर गेट दोबारा लगाए हैं, वह जगह सरकारी दस्तावेजों में सार्वजनिक भूमि श्रेणी में दर्ज हैं। चकबंदी प्रक्रिया के तहत सुरक्षित श्रेणी में दर्ज किए गए सार्वजनिक उपयोगों के भूखंडों और सड़क, रास्ता, मरघट की जमीनों की श्रेणी 6 (2) अब भी दर्ज है। शासन के पास आगरा जिला प्रशासन ने यह रिपोर्ट भेजी है।
लखनऊ में उच्च अधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट में राधास्वामी सत्संग सभा की ओर से जिन जगहों पर कब्जा किया गया है, उन सभी जमीनों का ब्योरा दिया गया है। 5 अक्तूबर को होने वाली सुनवाई में राज्य सरकार राधास्वामी सत्संग सभा के मामले में यह पूरा रिकाॅर्ड कोर्ट के सामने पेश करेगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजा जगनपुर के खसरा नंबर 309, 320, खासपुर मुस्तकिल के खसरा नंबर 105, 252, 256 पर रास्ता दर्ज है।
प्रशासन ने 23 सितंबर को इन्हीं खसरा नंबरों में अवरोध के रूप में लगे लोहे के गेट और दीवारों को हटवाया था, जिसे राधास्वामी सत्संग सभा ने दोबारा लगा दिया। 24 सितंबर को इन्हीं खसरों की सड़कों पर लगे गेट हटाने पर सत्संग सभा के अनुयायियों, पदाधिकारियों ने पुलिस प्रशासन पर पथराव, प्रदर्शन किया था, जिसमें कई अधिकारी और 12 पुलिसकर्मी और 4 पत्रकार घायल हुए थे। नगर निगम की जेसीबी और कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे।
जमीन कागजों में दर्ज
खसरा नं. 309 सड़क टेनरी
खसरा नं. 320 रास्ता
खसरा नं. 105 रास्ता
खसरा नं. 252 सड़क
खसरा नं. 256 बाईपास
संशोधन से स्वामित्व पर असर नहीं
जिन जगहों पर दयालबाग की राधास्वामी सत्संग सभा ने गेट लगाए हैं, वह जमीनें अब भी खतौनी में भूमि श्रेणी 6 (2) में दर्ज है। उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901 की धारा 33/39 के तहत किए गए संशोधन से भूमि की प्रकृति और स्वामित्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। चकबंदी प्रक्रिया के तहत सार्वजनिक उपयोग के लिए यह सुरक्षित श्रेणी में दर्ज है।
महापंचायत के खिलाफ वायरल हुए मैसेज
दयालबाग में जमीन मामले पर किसानों की ओर से होने वाली महापंचायत के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ी गई है, जो अब वायरल हो रही है। सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफाॅर्म पर खुद के सत्संगी होने का दावा करने वाले यूजर्स ने पोस्ट करना शुरू किया है कि किसान महापंचायत के जरिए जेल में रह चुके भूरी सिंह अशांति फैला सकते हैं। जिस दिन महापंचायत होगी, उस दिन दयालबाग में जी-20 का प्रतिनिधिमंडल भ्रमण करने आ रहा है। इससे देश की छवि पर खराब असर पड़ सकता है।