राज्यसभा की 11 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सपा में कुछ नामों को लेकर मंथन शुरू
विधानसभा और विधान परिषद चुनाव में मिली शिकस्त के बाद सपा ने राज्यसभा सीटों के उम्मीदवारों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। 0 जून को होने वाले चुनाव के लिए सपा में कुछ नामों को लेकर मंथन शुरू
विधानसभा और विधान परिषद चुनाव में मिली शिकस्त के बाद सपा ने राज्यसभा सीटों के उम्मीदवारों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। राज्यसभा की 11 सीटों पर 10 जून को होने वाले चुनाव के लिए सपा में कुछ नामों को लेकर मंथन शुरू हो गया है। अभी तक राज्यसभा की 11 सीटों के लिए भाजपा को सात और सपा को तीन सीटें मिलना तय हैं। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव एक सीट अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के मुखिया जयंत चौधरी को दे सकते हैं। इसके अलावा यूपी के मुख्य सचिव रह चुके आलोक रंजन को अखिलेश यादव प्रत्याशी बना सकते हैं। आलोक रंजन ने इस बार के विधानसभा चुनाव में सपा का घोषणा पत्र तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई थी, जो काफी चर्चा में भी रहा था।
सपा एक सीट पर किसी बाहरी को खड़ा कर सकती है
सूत्रों के मुताबिक, तीन सीटों में से एक सीट पर सपा दूसरे राज्य में लंबे समय से पार्टी से जुड़े किसी कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। इसमें पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक और 2010 से पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पॉर्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य जो एंटनी या महाराष्ट्र से सपा नेता अबू हसन आजमी को प्रत्याशी बना सकती है।
सपा की कोशिश यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी पार्टी का विस्तार करना
राज्यसभा चुनावों में पार्टी दूसरे राज्य में लंबे समय से जुड़े किसी कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। पार्टी एंटनी और अबू हसन आजमी के नामों पर चर्चा कर रही है। दरअसल अबू आजमी लंबे समय से महाराष्ट्र में सपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वहीं जो एंटनी केरल और दक्षिण के दूसरे राज्यों में सपा के लिए लंबे समय से काम रहे हैं। ऐसे में पार्टी दोनों में किसी एक को उम्मीदवार बना सकती है।
सपा के लिए नाराज विधायकों को साथ रखना एक चुनौती
राज्यसभा चुनावों में सपा के लिए अपने नाराज विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती होगी। राज्यसभा जाने की मंशा रखने वाले पार्टी नेताओं को भी पार्टी में बनाए रखना अखिलेश यादव के लिए एक बड़ी चुनौती है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सपा में शिवापाल और आजम खान की नाराजगी एक बड़ा मुद्दा बनी है। शिवपाल यादव तो सपा पर आजम खान की अनदेखी करने का आरोप लगा चुके हैं। विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने से शिवपाल लगातार पार्टी से नाराज चल रहे हैं।
सपा सहयोगी भी कर सकते हैं परेशान
सपा के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर भी अपने बेटे को राज्यसभा भेजने की मंशा रखते हैं। अखिलेश यादव के एक नजदीकी नेता ने बताया कि आजम खान भी अपने किसी करीबी के लिए टिकट चाहते हैं। इनके अलावा भी सपा के कई नेता राज्यसभा के लिए अपनी दावेदारी जता रहे हैं। सपा और उसके सहयोगी दल रालोद और सुभासपा के विधायकों की तादाद 125 है। इनके बूते वह तीन सीटें निकाल सकती हैं, लेकिन सपा को अपने विधायकों के साथ सहयोगी दलों को भी खुश रखना होगा, जो राज्यसभा चुनाव में पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी।