यूपी में फिर से बढ़ा बिजली कटौती का समय: डिमांड और सप्लाई का समीकरण गड़बड़ होने के कारण हो रही है बिजली की कटौती
यूपी में बिजली कटौती भी बढ़ गई है। आबादी के हिसाब से प्रदेश की करीब 65% आबादी बिजली संकट से जूझ रही है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश के कई उत्पादन निगम के प्लांट अपनी पूरी क्षमता से नहीं चल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में तापमान 40c के पार जाते ही पुरे प्रदेश में बिजली कटौती भी बढ़ गई है। आंकड़ों के हिसाब से गांव में 4 घंटे, जबकि तहसील में ढाई घंटे की कटौती चल रही है। ये बिजली विभाग के शेड्यूल में दिखाया गया है। यूपी में ग्रामीण उपभोक्ता करीब 2 करोड़ हैं। आबादी के हिसाब से प्रदेश की करीब 65% आबादी बिजली संकट से जूझ रही है।
अब आपको पॉवर कॉर्पोरेशन के गांव में बिजली सप्लाई के शेड्यूल के बारे में बताते हैं। गांव में करीब 18 घंटे बिजली आनी ही चाहिए। लेकिन अभी ये आपूर्ति करीब 13.45 घटे ही बताई जा रही है। इसके अलावा नगर पंचायत में 21.30 घंटे की जगह महज 18.47 घंटे के लिए सप्लाई मिल रही है। तहसील में भी करीब ढ़ाई घंटे की कटौती है। मौजूदा समय तहसील में 21.30 की जगह 18.53 घंटे ही बिजली आ रही है।
बिजली उत्पादन प्लांट नहीं चल रहे पूरी क्षमता से
जानकारों का कहना है कि प्रदेश के कई उत्पादन निगम के प्लांट अपनी पूरी क्षमता से नहीं चल रहे हैं। इसकी वजह से यह परेशानी आ रही है। डिमांड और सप्लाई का समीकरण गड़बड़ होने की वजह से रोस्टिंग करनी पड़ रही है। बताया जा रहा है कि कागजों पर जो सप्लाई मिल रही है, उससे भी ज्यादा समय के लिए कटौती हो रही है।
फाल्ट और मरम्मत के नाम पर घंटों बिजली कट रही
शहर में कागजों पर 24 घंटे के लिए बिजली सप्लाई है। लेकिन, वास्तव में वहां फाल्ट और मरम्मत के नाम पर घंटों बिजली कटती है। जबकि मार्च से पहले सभी तरह से मरम्मत काम पूरा कर लेना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसकी वजह से उपभोक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। लखनऊ में शुक्रवार को फीडर पर काम होने की वजह से कपूरथला और चन्द्रलोक कॉलोनी के 3 हजार घरों को करीब पांच घंटे तक बिजली बाधित रही। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि लाइन मेंटीनेंस के काम बहुत पहले हो जाने चाहिए थे।