सीनियर ने किया रैगिंग से इतना परेशान छात्र ने की आत्महत्या
इंदौर में एक रैगिंग का मामला सामने आया हैं रैगिंग से परेशान MBBS के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट के सुसाइड मामले में दो सीनियर छात्र सहित कॉलेज के डीन जीएस पटेल पर केस दर्ज किया गया है। FIR के बाद मृतक के पिता का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने बताया कि मेरे बेटे ने कॉलेज के डीन से सीनियर्स द्वारा की जा रही रैगिंग की शिकायत की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के इस स्टूडेंट ने सुसाइड से पहले अपने पिता को फोन कर सीनियर्स द्वारा दी जा रही प्रताड़ना के बारे में बताया था।
जाने आखरी बार फ़ोन पे क्या कहा था चेतन ने
पापा... मैं बहुत परेशान हो गया हूं, मुझे हॉस्टल में नहीं रहना है। यहां सीनियर रैगिंग ले रहे हैं। रोज मुझे कपड़े उतार कर दीवार पर खड़ा कर देते हैं। उसी हालत में घंटों खड़ा रखते हैं। पेंसिल-पेन लेकर गंदी हरकत करते हैं। पूछते हैं तेरी गर्लफ्रेंड है या नहीं। पोर्न फिल्म भी दिखाते हैं।
सीनियर रोज रात में चेतन को कमरे में बुलाते उज्जैन जिले की बड़नगर निवासी चेतन पाटीदार (22) इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था। रिपोर्टर से चर्चा करते हुए मृतक के मौसा विजय ने बताया कि 28 फरवरी को चेतन का एडमिशन कराया गया था। इसके बाद कॉलेज के सीनियर स्टूडेंट उसे लगातार परेशान कर रहे थे। सीनियर रोजाना रात में उसे अपने कमरे में बुलाते थे। चेतन को पूरे कपड़े उतारने का फरमान सुनाते और उसके बाद प्रताड़ना का दौर कई घंटे तक चलता रहता है। इस बारे में चेतन ने पिता दिनेश पाटीदार को बताया था। तब उन्होंने इसकी शिकायत डीन से करने को कहा था।
26 मार्च को डीन के पास गया था आवेदन लेकर
पुलिस का कहना है, चेतन ने 26 मार्च को डीन जीएस पटेल को हॉस्टल में नहीं रहने से संबंधित आवेदन दिया था, लेकिन डीन ने साफ मना कर दिया। बताया जाता है कि, कॉलेज संचालक को हॉस्टल के लिए मोटी फीस मिलती है। इस कारण वे छात्र को हॉस्टल खाली नहीं करने देते। इस मामले में शुक्रवार देर रात कॉलेज के दो सीनियर छात्रों दुर्गेश हाड़ा और रोमिल सिंह सहित कॉलेज के डीन जीएस पटेल पर धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है।
चेतन के पिता ने बताया, 28 मार्च को मेरी चेतन से बात हुई तो मैंने पूछा कहां हो? तब उसने कहा था कि कॉलेज की कैंटीन में नाश्ता कर रहा हूं। आखिरी बार 29 मार्च यानी सुसाइड करने से चंद घंटे पहले बात हुई थी। तब वह काफी डरा-डरा और धीमी आवाज में बात कर रहा था। कुछ देर बात करने के बाद उसने फोन काट दिया।
पिता के अनुसार, सीनियर उसे लगातार फोन करके परेशान करते थे। होली पर जब वो घर आया तब यहां भी उसके सीनियर का फोन आया था। मैंने नाम नहीं पूछा था। सीनियर ने पूछा- कहां हो? तब उसने घर पर होने की बात कहकर फोन काट दिया। इसके बाद लगातार फोन आते रहे। मजबूरन चेतन को सिम बंद करना पड़ा।
चेतन पढ़ाई में काफ़ी अच्छा था परिजनों ने बताया
चेतन पढ़ाई में अच्छा था। 12वीं में उसके 75% नंबर आए थे। इस कारण से उसे MBBS में एडमिशन मिला था। उसे इंडेक्स कॉलेज मिला। 13 लाख रुपए स्कॉलरशिप भी मिली। 1 लाख 70 हजार रुपए होस्टल के देने थे, जो पहले ही जमा करा दिए गए थे। चेतन के पिता उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील के मौलाना में ही खेती करते हैं। बड़ा भाई दीपक भी पिता के साथ हाथ बंटाता है। चेतन की दो बड़ी बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। परिवार का सपना, एक बेटे को डॉक्टर बनाने का था, इसलिए चेतन को पढ़ाई के लिए इंदौर भेजा था। हॉस्टल की फीस भरने के लिए पिता ने दो लाख रुपए में जमीन भी बेची थी।
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