चुनाव बाद एक बार फिर अवैध निर्माण के खिलाफ शुरू की कार्यवाही
बसपा नेता फहाद और सपा के विधायक मंसूद हसन के भतीजे ने किया अवैध निर्माण
चुनाव बाद एक बार फिर अवैध निर्माण के खिलाफ शुरू की गयी कार्यवाही बुधवार सुबह बालू अड्डे पर एलडीए की टीम बुलडोजर के साथ पहुंच गई। जहां बिना नक्शा पास कराए ही बिल्डर ने सात मंजिला बिल्डिंग का निर्माण करा रखा था जबकि यहां मानक के हिसाब से बिल्डिंग निर्माण नहीं हो सकता था। एलडीए की तरफ से कई बार नोटिस देने के बाद भी कार्यवाही होती रही और निर्माण भी लगातार चलता रहा ऐसे में सरकार बदलने के बाद ही अवैध निर्माण के खिलाफ कदम उठाना एक अच्छी बात हो सकतीं हैं
आपको बतादें इस सात मंजिला बिल्डिंग की कीमत करीब 15 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। इस सात मंजिला बिल्डिंग का निर्माण 15 हजार स्कवायर फीट में हुआ था।
बताया जा रहा है कि बिल्डर का नाम सायमा याजदान है।
एलडीए अधिकारियों के मुताबिक बसपा नेता फहाद व सपा के विधायक मंसूद हसन के भतीजे की यह बिल्डिंग है। इनको पहले कई बार नोटिस दिया जा चुका है। मौके पर कोई हंगामा या विरोध न हो इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस फोर्स लगाई गई है। इसके साथ ही एलडीए के तमाम आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। एसीपी हज़रतगंज अखिलेश सिंह,इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला खुद मौके पर खड़े होकर बुलडोजर चलवा रहे हैं।
सात मंजिला इमारत बना लिया
पिछले दो साल से यह अवैध निर्माण चल रहा था। लेकिन उस समय एलडीए की तरफ से केवल नोटिस देने की कार्रवाई हो रही थी। ऐसे में बिल्डर ने देखते ही देखते सात मंजिला इमारत तैयार कर लिया। जिसमें करीब 40 फ्लैट तैयार किए गए है। बताया जा रहा है कि इसकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपए से ज्यादा है। हालांकि दो साल तक निर्माण कैसे होते रहा इसको लेकर अधिकारियों से सवाल बनता है।
सूत्रो का कहना है कि अधिकारियों को निर्माण के दौरान लगातार पैसा पहुंचता रहा इसकी वजह से कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन अब शासन स्तर से दबाव बन गया है तो कार्रवाई हो रही है। एलडीए में कार्यरत एक बाबू ने बताया कि इसमें एलडीए के लोगों को करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा का पैसा ब्लैक मनी के तौर पर दिया गया है। इसकी वजह से यह निर्माण होता रहा। पिछले दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें 800 स्कवायर फीट के मकान के लिए करीब पांच लाख रुपए की डिमांड थी। ऐसे में इस निर्माण में एक करोड़ से ज्यादा पैसा एलडीए को गया है।
80 फीसदी फ्लैट बिक चुके हैं
बताया जा रहा है कि इसके 80 फीसदी फ्लैट बिक चुके हैं। इसमें 50 से 70 लाख रुपए में सौदा हुआ है। ऐसे में अब उन आवंटियों को पैसा क्या होगा यह बड़ा सवाल है। बिल्डर अगर उनको पैसा नहीं देता है तो लोगों का बड़ा नुकसान होगा।