लोकसभा चुनाव 2024: PM मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार दाखिल किया नामांकन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी से अपना नामांकन भर दिया। इस मौके पर दो ओबीसी, एक दलित और एक ब्राह्मण प्रस्तावक मौजूद रहे। प्रस्तावकों में पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन भर दिया। इससे पहले उन्होंने यहां गंगा नदी के किनारे दशाश्वमेध घाट पर पूजा-अर्चना की। पीएम मोदी के नामांकन के मौके पर चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर शामिल हैं। काशी की ज्योतिष परम्परा से आने वाले ब्राह्मण समाज से गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े बैजनाथ पटेल, ओबीसी समाज से हैं और लालचंद कुशवाहा दलित समाज से आने वाले संजय सोनकर पीएम के प्रस्तावक बने।
पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला था। वो ब्राह्मण समाज से हैं। बैजनाथ पटेल ओबीसी समाज से आते हैं और संघ के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। लालचंद कुशवाहा भी ओबीसी समुदाय से हैं, जबकि संजय सोनकर दलित समाज से हैं। चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं।
गंगा पूजन और काल भैरव दर्शन के बाद डीएम ऑफिस पहुंचे पीएम मोदी, किया नामांकन। पीएम मोदी ने डीएम के समक्ष लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी का पर्चा भरा। पर्चा भरने के समय डीएम सह जिला निर्वाचन अधिकारी अपने चेयर पर विराजमान रहे। वहीं, पीएम मोदी ने खड़े होकर शपथ पढ़ा। इसमें उन्होंने कहा कि मैंने उम्मीदवारी को लेकर जो भी विवरण जमा कराए हैं, वह सही हैं। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय कक्ष में सीएम योगी और पीएम मोदी के प्रस्तावक मौजूद रहे।
प्रस्तावक का स्थानीय वोटर होना जरूरी
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है। कई बार प्रस्तावकों के कारण चुनाव का रुख ही बदल जाता है। सूरत लोकसभा सीट पर ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। नियमों के अनुसार, अगर कोई उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उसकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना आवश्यक होता है।
प्रस्तावक बिना नामांकन संभव नहीं
चुनाव में प्रस्तावक के बिना किसी उम्मीदवार का नामांकन अधूरा माना जाता है। रिटर्निंग ऑफिसर को प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सत्यापित करने होते हैं। अगर एक संक्षिप्त पूछताछ के बाद रिटर्निंग ऑफिसर यह कहता है कि हस्ताक्षर असली नहीं हैं, तो प्रस्तावकों के कारण भी नामांकन पत्र रद्द किया जा सकता है।