UP के पुलिस कमिश्नर अब ADG LO को करेंगे रिपोर्ट, नई व्यवस्था लागू होने का समझिए मतलब
उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया गया है। प्रदेश के पुलिस कमिश्नर अब एडीजी विधि व्यवस्था को रिपोर्ट करेंगे। कमिश्नरेट में एडीजी स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति के कारण पहले एक लेवल ऊपर यानी सीधे डीजीपी को रिपोर्टिंग तय की गई थी।
उत्तर प्रदेश में एडीजी विधि व्यवस्था प्रशांत कुमार का कद कुछ और बढ़ गया है। वे योगी आदित्यनाथ सरकार में पसंदीदा अधिकारियों में से एक माने जाते हैं। यूपी सरकार के लिए वे कई मामलों में संकटमोचक की भूमिका में रहे हैं। ऐसे में योगी सरकार ने इस अधिकारी की जिम्मेदारी कुछ और बढ़ा दी है। प्रदेश के कमिश्नरेट सिस्टम में नियुक्त कमिश्नरों को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को रिपोर्ट करने को कहा गया है। गाजियाबाद और नोएडा में हाल ही में एडीजी की जगह आईजी रैंक के पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। ऐसे में यह आदेश प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों पर पसंदीदा अफसर के जरिए नजर रखने को लेकर देखा जा रहा है। इन इलाकों में होने वाली तमाम महत्वपूर्ण घटनाओं की रिपोर्टिंग अब एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के पास होगी।
यूपी सरकार की ओर से पिछले दिनों तीन नए कमिश्नरेट को मंजूरी दी गई। प्रयागराज और आगरा के साथ-साथ एनसीआर के महत्वूपर्ण जिले गाजियाबाद में भी कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है। प्रदेश के चार जिलों लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी और कानपुर में पहले से कमिश्नरेट सिस्टम लागू हैं। इन कमिश्नरेट में कमिश्नर पद पर एडीजी स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति होती थी। इनकी रिपोर्टिंग सीधे डीजीपी को की जाती थी। लेकिन, अब कमिश्नरेट में आईजी स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को रिपोर्टिंग का आदेश जारी किया गया है। इससे डीजीपी के कार्यभार में राहत रहेगी और वे प्रदेश स्तर के सुरक्षा संबंधी योजनओं पर काम कर सकेंगे। वहीं, कमिश्नरेट प्रणाली के प्रमुख मामलों में आवश्यक आदेश अब एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के स्तर से जारी होगा। इससे केस के अनुसंधान से लेकर प्रशासनिक कार्यों तक में तेजी से निर्णय हो सकेंगे।
नोएडा और गाजियाबाद सरकार के लिए अहम
यूपी सरकार अभी वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी पर काम कर रही है। इसमें नोएडा और गाजियाबाद को लेकर अहम माना जा रहा है। एनसीआर के ये जिले हर लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय राजधानी के करीब के इन दोनों जिलों में इन्वेस्टमेंट के सबसे अधिक प्रस्ताव आते हैं। नोएडा बिजनेस इन्वेस्टमेंट हब बनने की तैयारी में है। वहीं, एनसीआर के प्रमुख रिहायशी जिले में गाजियाबाद का स्थान आता है। इन दोनों जिलों में सरकार विधि व्यवस्था और कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने पर विशेष जोर दे रही है।
कानून व्यवस्था में बाधक बनने वाले तत्वों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अपराध की घटनाओं पर लगाम, पुलिस प्रशासन को कसने और कार्यों को तेजी से पूरा कराने के लिए आधिकारिक स्तर पर चीजों को बेहतर किया जा रहा है। कमिश्नरेट सिस्टम इसमें प्रभावी होगा। सरकार कमिश्नरेट सिस्टम के जरिए सीधे पर नजर रखना चाहती है। ऐसे में एक ऐसे अधिकारी को पूरा जिम्मा दिया जाना अहम माना जा रहा है जो हाल के दिनों में सरकार की उम्मीदों पर खड़े उतरे हैं। एडीजी प्रशांत कुमार को मिली जिम्मेदारी पर अब चर्चा भी शुरू हो गई है।