"पापा के जाने के बाद अकेली हूं, मैंने सबकी मदद की, मेरे साथ कोई खड़ा नहीं हुआ" लखनऊ में PHD की छात्रा ने नोट लिखकर लगाया फांसी
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की छात्रा ने फांसी लगा कर जान दे दी। PHD की शोध छात्रा कैंपस से बाहर किराए का कमरा लेकर एक सहेली के साथ रहती थी।
रायबरेली रोड की एल्डिको कॉलोनी में शुक्रवार को BBAU यानी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की छात्रा ने फांसी लगा कर जान दे दी। PHD की शोध छात्रा कैंपस से बाहर किराए का कमरा लेकर एक सहेली के साथ रहती थी।
शुक्रवार को उसकी सहेली जब कमरे पर लौटी तो दरवाजा नहीं खुलने पर पुलिस और दोस्तों को सूचना दी। दरवाजा तोड़े जाने पर छात्रा का शव चादर के फंदे से पंखे से लटकता मिला। पुलिस को कमरे से चार पन्ने का सुसाइड नोट मिला।
नोट में लिखा, पापा के जाने के बाद अकेले पड़ गई हूं। कुछ समझ नहीं आता। मैंने सबकी मदद की है। हर वक्त साथ दिया है। मगर, मेरे लिए कोई खड़ा नहीं होता। मौत की जिम्मेदार मैं खुद हूं, कोई और नहीं।
प्रयागराज की रहने वाली थी स्नेहा
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि PHD लास्ट ईयर की छात्रा स्नेहा यादव प्रयागराज के बमरौली की मूल निवासी थी। उसके साथ रहने वाली दूसरी छात्रा गरिमा के मुताबिक शुक्रवार को क्लास जाने के लिए स्नेहा तैयार नहीं हुई थी। शाम को वह जब लौटीं तो खिड़की से झांकने पर गरिमा को स्नेहा का शव पंखे में चादर के फंदे से लटकता मिला। पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर स्नेहा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया हैं। अन्य छात्रों ने बताया कि स्नेहा का बर्ताव सभी से मधुर और सामान्य था।