मणिपुर हिंसा: मणिपुर पर अखिलेश का BJP पर तंज, कहा- भाजपा को अपने खिलाफ लाना चाहिए था ‘अविश्वास प्रस्ताव’
मणिपुर हिंंसा के दौरान दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और यौन उत्पीड़न करने के मामले में विपक्ष के गठबंधन INDIA ने भाजपा सरकार को इस मुद्दे पर घेर लिया है। इस मामले में पीएम मोदी संसद में जवाब दें इसके लिए विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आया है। इन सब के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला है।
मणिपुर में बीते 78 दिनों से फैली हिंसा को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने हैं। पीएम मोदी के संसद में बयान को लेकर जहां विपक्ष अड़ा है और अविश्वास प्रस्ताव लाकर सदन में पीएम मोदी के भाषण पर जोर दे रहा है वहीं दूसरी ओर विपक्ष का डेलीगेशन मणिपुर का दौरा करेगा।
आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भी विपक्ष इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेर रहा है। इसी क्रम में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया। बता दें कि गुरुवार को अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने संसद पहुंचकर विपक्षी दल के गठबंध इंडिया से मुलाकात की थी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में आज ट्वीट कर एक बार फिर भाजपा सरकार पर हमला बोला। अखिलेश ने कहा कि मणिपुर में जो हो रहा है, वो तो इतना वीभत्स है कि भाजपा सरकार को नैतिक और राजनीतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने आप ही, अपने खिलाफ ही ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लाना चाहिए था।
इससे पूर्व अखिलेश ने ट्वीट कर कहा था कि इस नाकाम सरकार से क्या उम्मीद करना अमर शहीद अपनी शहादत से रोशन रहेंगे
अखिलेश यादव ने तीन दिन पूर्व सत्ता पक्ष पर हमलावर होते हुए कहा था कि मणिपुर में सत्ताधारियों की आंख का पानी मर गया है, जो ऐसे बयान दे रहे हैं कि ऐसे एक नहीं अनेक केस हुए हैं। अगर उन्हें सब पता है तो उनको सत्ता में रहने का हक एक पल के लिए भी नहीं है।
मणिपुर के हालात के लिए आरएसएस की नफरत की नीति और भाजपा की वोट की राजनीति जिम्मेदार है। बहन-बेटियों के परिवारवाले अब तो भाजपा की ओर देखने तक से पहले एक बार जरूर सोचेंगे। इससे पहले अखिलेश ने कहा था कि मणिपुर में सभ्यता का चीरहरण हुआ है और संस्कृति का पाताल-पतन।
बता दें मणिपुर में 4 मई को महिलाओं को बिना कपड़ों के भीड़ के साथ सरेआम घुमाने का वीडियो 19 जुलाई को इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था। जिसके बाद पीएम मोदी ने इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करने के और एक भी दोषी को न बख्शा जाए। अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।