लखनऊ: सेल्सगर्ल से बनी कई कंपनियों की निदेशक, 100 करोड़ से अधिक की ठगी, गिरफ्तार
10 साल पहले एक कंपनी में सेल्स गर्ल की नौकरी करने वाली नीलम वर्मा ने 2013 में कुछ लोगों के साथ मिलकर अपनी कंपनी खोलकर निदेशक बन गई। इसके बाद उसने एक के बाद एक कई कंपनियां खोली डाली। सस्ती दरों पर प्लाट दिलाने एक साल में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर हजारों लोगों से 100 करोड़ से अधिक की ठगी की।
10 साल पहले एक कंपनी में सेल्स गर्ल की नौकरी करने वाली नीलम वर्मा ने 2013 में कुछ लोगों के साथ मिलकर अपनी कंपनी खोलकर निदेशक बन गई। इसके बाद उसने एक के बाद एक कई कंपनियां खोली डाली। सस्ती दरों पर प्लाट दिलाने, एक साल में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर हजारों लोगों से 100 करोड़ से अधिक की ठगी की।
करोड़ों रुपये बटोर कर 2019 में फरार हो गई। कंपनी के कई निदेशकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शनिवार को एसटीएफ और ईओडब्ल्यू की टीम आखिरकार जालसाज नीलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। नीलम पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था।
डिप्टी एसपी एसटीएफ लाल प्रताप सिंह के मुताबिक नीलम मूल रूप से पारा के शुक्ला विहार की रहने वाली है। वह कुछ समय से मानकनगर के बहादुरखेड़ा में रही थी। उसके और उसकी कंपनी के अन्य निदेशकों समेत, कर्मचारियों के खिलाफ लखनऊ के विभिन्न थानों में 23 मुकदमें दर्ज हैं। नीलम से पूछताछ में पता चला कि अभय कुशवाहा के साथ मिलकर पहले उसने वर्ष 2013 में इंफिनिटी वर्ड इंफ्रावेंचर नाम से कंपनी बनाई थी।
कंपनी आसान किस्तों पर लोगों को प्लाट देने का झांसा देकर ठगी की। नीलम और अभय के अलावा कंपनी में राजेश पांडेय, निखिल कुशवाहा,आजम सिद्दीकी, शकील अहमद खान निदेशक के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2017 में नीलम समेत अन्य जालसाजों ने ओजोन इंफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर के नाम से कंपनी बनाई। इसमें एक साल में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी करने लगे। वर्ष 2018 में हेलोराइड कंपनी बनाई। इस कंपनी में बाइक टैक्सी चलवाने के नाम पर तमाम लोगों से ठगी की गई।
कंपनी का आफिस साइबर हाइट्स विभूतिखंड इलाके में खोला गया। कंपनी की स्कीम के तहत निवेशकों से 61 हजार रुपये जमा कराया जाता था। रुपये जमा कराकर कंपनी लोगों को झांसा दिया गया कि उन्हें एक साल तक कंपनी हर महीना 9582 रुपये दिए जाएंगे। इस स्कीम में अधिक से अधिक निवेशकों को जोड़ने के लिए कंपनी ने सात टीमें बनाई। हर टीम में 150 एजेंट रखे थे।
कंपनी को निवेशक देने वाले एजेंट को कमीशन दिया जाता था। इसमें लोगों ने 100 करोड़ से अधिक निवेश किया। इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद निदेशकों ने कंपनी के आफिस बंद कर दिए। ठगी का शिकार कई पीड़ितों मे विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद कंपनी के निदेशक अभय कुशवाहा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके अलावा कंपनी के निदेशक निखिल, मो. आजम अली, राजेश पांडेय को भी जेल भेजा गया था।
मुख्य निदेशक पर घोषित है पांच लाख का इनाम, कई जनपदों में खोले गए थे आफिस
बाइक टैक्सी चलवाने के लिए कंपनी ने लखनऊ समेत नोएडा, फतेहपुर, बिहार मुजफ्फरपुर, मोहाली, पठानकोट, जीरकपुर पंजाब समेत कई अन्य जनपदों और राज्यों में आफिस खोले गए थे। कंपनी की मुख्य डायरेक्टर और पांच लाख की इनामी दिप्ति बहल अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं।