लखनऊ: टीबी मरीजों की कराई जाएगी डायबिटीज-HIV की जांच, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए निर्देश
टीबी मरीजों में संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में यह दोनों जांचें सभी सरकारी अस्पतालों में निश्शुल्क कराई जाएं। आशा वर्कर अपने-अपने क्षेत्र में इसके रोगियों की इन दोनों जांचें कराना सुनिश्चित करेंगी। वहीं अस्पताल में आ रहे टीबी रोगियों की एचआइवी व डायबिटीज की जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
अब सभी टीबी मरीजों की डायबिटीज व एचआईवी की जांच भी कराई जाएगी। इसके मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उन्हें टीबी के साथ-साथ अन्य रोग होने का भी खतरा रहता है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर से बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शत-प्रतिशत जांच के लिए जल्द अभियान शुरू किया जाए। वहीं टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जाए। प्रदेश में इस वर्ष 5.45 लाख टीबी रोगी चिह्नित किए गए हैं।
टीबी मरीजों में संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में यह दोनों जांचें सभी सरकारी अस्पतालों में निश्शुल्क कराई जाएं। आशा वर्कर अपने-अपने क्षेत्र में इसके रोगियों की इन दोनों जांचें कराना सुनिश्चित करेंगी। वहीं अस्पताल में आ रहे टीबी रोगियों की एचआईवी व डायबिटीज की जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
ऐसे में सर्वाधिक आबादी वाला राज्य यूपी भी इसके उन्मूलन के लिए तेजी से कार्य कर रहा है। वर्ष 2021 के मुकाबले इस वर्ष दोगुणा अधिक लोगों की टीबी जांच कराई गई। वर्तमान में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 1,151 लोगों की टीबी जांच कराई जा रही है। टीबी के लक्षण वाले लोगों को चिह्नित कर तेजी से जांच कराई जा रही है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सर्वाधिक 1.70 लाख रोगियों को पोषण किट वितरित की गई है। निक्षय पोषण योजना के तहत रोगियों को 500 रुपये पोषण सामग्री के लिए दिए जा रहे हैं। अभी तक 516 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा चुकी है।