लखनऊ: KGMU से दवाएं चोरी कर साथियों को देता था, फिर मार्केट में महंगे दामों पर बेच देते थे, यूं धरे गए
केजीएमयू की फार्मेसी से सस्ती दवाएं चोरी कर संविदा पर तैनात कर्मचारी अपने साथियों को देता था। ये लोग फिर उसे बाजार में महंगे दामों पर बेचते थे। पुलिस ने इस गैंग के तीन लोगों को अरेस्ट किया है। अन्य लोगों के शामिल होने की बात भी पता चली है।
आम मरीजों के लिए किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में बनीं दुकानों से दवाओं को चोरी कर मेडिकल स्टोरों पर बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है। एसटीएफ ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर चौक पुलिस के हवाले कर दिया गया है। पकड़े गए आरोपितों में एक केजीएमयू की फार्मेसी का कर्मचारी भी है। आरोपितों के पास से काफी मात्रा में दवाएं, तीन मोबाइल फोन, 2 डेबिट कार्ड, 3,860 रुपये, स्कूटी और एक बाइक मिली है। पूछताछ में चार अन्य लोगों के नाम भी पता चले हैं।
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि केजीएमयू में स्थापित कम कीमत की फार्मेसी दुकानों से दवाएं चोरी कर बाजार में ऊंचे दामों पर बेची जा रही हैं। गुरुवार को एसटीएफ और ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम ने चौक फूल मंडी के पास से तीन लोगों को पकड़ा। उनके पास से तीन बड़े थैलों में दवाएं मिलीं। आरोपितों ने अपना नाम त्रिवेणीनगर निवासी रजनीश कुमार, मड़ियांव निवासी नितिन बाजपेयी और प्रियांशु मिश्र बताया। रजनीश केजीएमयू में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) की फार्मेसी पर तीन साल से संविदा पर तैनात है। वह फार्मेसी से दवाएं चोरी करके अपने साथियों को देता था।
30% कमिशन लेते थे
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे केजीएमयू से दवाएं चुराकर मेडिकल स्टोरों पर 30 प्रतिशत कमिशन लेकर बेचते थे। इसके बाद दवा दुकानदार उन दवाओं को महंगे दाम पर आम लोगों को बेचते थे। पकड़े गए सभी आरोपितों को एसटीएफ ने चौक पुलिस के हवाले कर दिया है। एसटीएफ ने इस मामले में चौक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इस गोरखधंधे से जुड़े अन्य लोगों को तलाशा जा रहा है।