लखनऊ से PFI का एक और सदस्य अरेस्ट, शहर छोड़ने की फिराक में था, STF ने अवध बस अड्डे के पास से दबोचा
आरोपित शहर छोड़कर भागने की फिराक में था। जानकारी होते ही एसटीएफ में तैनात इंस्पेक्टर आदित्य कुमार सिंह टीम के साथ मुखबिर को लेकर बस अड्डे पहुंचे और पीएफआई के सदस्य काकोरी के महिपतमऊ गांव निवासी अब्दुल मजीद को धर दबोचा। तलाशी के दौरान उसके पास से दो मोबाइल फोन, आपत्तिजनक साहित्य सहित अन्य पेपर मिले।
यूपी एसटीएफ ने शनिवार की देर रात शहर छोड़कर भागने की फिराक में लगे पीएफआई के सदस्य को विभूतीखंड स्थित अवध बस अड्डे के पास से गिरफ्तार किया। आरोपित के पास से दो मोबाइल, आपत्तिजनक साहित्य और पेपर बरामद हुए हैं। आरोपित शहर में पीएफआई का विस्तार करने में जुटा था। इससे पहले गुरुवार को इंदिरानगर और मदेयगंज से पीएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
यूपी एसटीएफ और लखनऊ पुलिस के सूत्रों के अनुसार विभूतीखंड स्थित अवध बस अड्डे पर पीएफआई के एक ऐक्टिव सदस्य की मौजूदगी का पता चला था। आरोपित शहर छोड़कर भागने की फिराक में था। जानकारी होते ही एसटीएफ में तैनात इंस्पेक्टर आदित्य कुमार सिंह टीम के साथ मुखबिर को लेकर बस अड्डे पहुंचे और पीएफआई के सदस्य काकोरी के महिपतमऊ गांव निवासी अब्दुल मजीद को धर दबोचा। तलाशी के दौरान उसके पास से दो मोबाइल फोन, आपत्तिजनक साहित्य सहित अन्य पेपर मिले।
एसटीएफ और अन्य एजेंसियों ने पूछताछ के बाद मजीद को विभूतीखंड पुलिस के हवाले कर दिया। इंस्पेक्टर आदित्य सिंह ने आरोपित के खिलाफ विभूतीखंड थाने में 120बी, 121ए, 153ए, 295ए, 109 और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इसके बाद विभूतीखंड पुलिस ने रविवार को आरोपित को गुपचुप ढंग से कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपित मजीद लखनऊ और उसके आसपास के इलाके में पीएफआई मजबूत करने और मुस्लिम लोगों को भड़काने का काम कर रहा था। आरोपित 2020 में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में जेल जा चुका है।